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यूपी के इस गांव में जरा संभलकर, खुले में शौच करने पर जुर्माना लगा देती हैं कमला

सराहनीय कार्यों के लिए कमला को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला दिवस पर आठ मार्च 2019 को सम्मानित भी कर चुके हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 01:58 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 01:58 PM (IST)
यूपी के इस गांव में जरा संभलकर, खुले में शौच करने पर जुर्माना लगा देती हैं कमला

गाजियाबाद [मदन पांचाल]। महिला सशक्तीकरण का उदाहरण देखना है तो मुरादनगर के गांव मकरेड़ा आइए। यहां की ग्राम प्रधान कमला देवी खुले में शौच करने पर अच्छे-अच्छों पर जुर्माना लगा देती हैं। सुबह, दोपहर और शाम को वह खुद गांव के खेत-खलिहानों का केवल इसलिए भ्रमण करती हैं कि कहीं कोई खुले में शौच तो नहीं कर रहा है। अब तक कमला देवी आधा दर्जन युवाओं व महिलाओं पर 3000 रुपये का जुर्माना लगा चुकी हैं। खास बात यह है कि जुर्माने की रकम से गांव में लड्डू बंटते हैं। कमला को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला दिवस पर आठ मार्च 2019 को सम्मानित कर चुके हैं।

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बहू बनकर गांव आई तो खुले में करना पड़ा शौच

24 मई, 1985 को कमला की शादी गांव के बृजपाल सिंह से हुई। गांव में बहू बनकर आने पर महिलाएं मुंह देखने आई तो कहने लगी कि शौच को आएगी तो रास्ते में ही मुंह देख लेंगे। कमला कहती हैं कि यह सुनकर वह परेशान हो गई, चूंकि गांव में शौचालय नहीं थे, इसलिए खेतों में ही शौच को जाना पड़ा। उसी दिन महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने की ठान ली। पांच साल बाद पहले अपने घर पर शौचालय बनवाया। दो अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार का ओपन डेफिकेसन फ्री (ओडीएफ) यानी खुले में शौच मुक्त अभियान शुरू हो गया। पंचायत चुनाव आ गए तो कमला देवी ने पर्चा भर दिया। गांव की महिलाओं ने सबसे अधिक वोट देकर कमला को 13 दिसंबर 2015 को ग्राम प्रधान चुन लिया। अ

अब सबके घरों में है शौचालय

कमला का प्रयास रंग लाया और 2100 की आबादी वाले मकरेड़ा गांव में अब सभी के घरों में शौचालय है। 136 घरों में ओडीएफ योजना के तहत अनुदान से शौचालय बनवाए गए हैं। गांव में महिला और पुरुषों के लिए एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। ओडीएफ को सख्ती से लागू कराए जाने के लिए कमला जिले के 161 ग्राम प्रधानों के बीच जहां आदर्श हैं तो वहीं स्वच्छ भारत मिशन के कार्यक्रमों में कई बार मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी और सांसद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह कमला को गांव में जाकर सम्मानित कर चुके हैं। कमला देश भर के चुनिंदा ग्राम प्रधानों के साथ गुजरात के साबरमती आश्रम का भ्रमण कर चुकी हैं।

दबंगों से मुक्त कराई श्मशान घाट की जमीन

मकरेड़ा गांव में दबंगों ने श्मशान घाट की जमीन पर पचास साल से अवैध कब्जा कर रखा था। गांव में मौत होने पर तीन किलोमीटर दूर भदौली गांव में अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर पैदल ही जाना पड़ता था। कमला ग्राम प्रधान बनते ही गांव के श्मशान घाट को कब्जामुक्त कराने में जुट गई। शासन, प्रशासन और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर श्मशान को कब्जामुक्त कराने का अनुरोध किया। डीएम के निर्देश पर दबंगों के चंगुल से श्मशान घाट की जमीन अब कब्जामुक्त हो गई है। कब्जा करने वालों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हुई और आरोपी जेल गए। स्कूल चलो अभियान की रैली, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, सफाई के लिए काम करना, संक्रामक रोगों के बचाव के लिए दवा का छिड़काव करना और आपस के झगड़ों को चौपाल पर बैठकर निपटाना कमला का रोज का काम है। इस मिशन में उनके पति बृजपाल भरपूर सहयोग करते हैं।

जुर्माना लगा तो खुले में शौच से कर ली तौबा

गांव के युवक मोनू का कहना है कि जुर्माना लगने के बाद खुले में शौच से तौबा कर ली है। समझ में आ गया है कि खुले में शौच से गंदगी घर तक पहुंचती है और फिर बीमारी फैलती है। हेयर ड्रेसर का काम करने वाले मोनू ने घर पर शौचालय बनवा लिया है। मोनू के अलावा दीपक, संजीव, मुकेश और श्रद्धा पर भी पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन सभी के घर ग्राम प्रधान ने ओडीएफ योजना के तहत शौचालय बनवा दिया है।

मुरादनगर के मकरेड़ा गांव की साठ वर्षीय प्रधान कमला को मुख्यमंत्री कर चुके हैं सम्मानित- कमला ने केंद्र सरकार की ओडीएफ योजना को सख्ती से लागू कराकर हर घर में बनवाए शौचालय 

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