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लालपुर के अहाते में खदकते रहे चर्बी के कड़ाहे, कार्रवाई शून्य

चौबीस घंटे बाद तीन विभागों की टीम बिना कार्रवाई के फिर वापस लौटी वनस्पति घी के टिनों में भरी जाती है जानवरों की चर्बी सवालों के घेरे में अफसर।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 06:00 AM (IST)
लालपुर के अहाते में खदकते रहे चर्बी के कड़ाहे, कार्रवाई शून्य

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: लालपुर क्षेत्र के ताले बंद अहातों में सुलग रही भट्टियों पर शुक्रवार को जानवरों के अवशेषों से चर्बी बनती रही। चौबीस घंटे बाद तीन विभागों की टीम चर्बी के ठिकानों पर पहुंची, लेकिन बिना कार्रवाई के बाद फिर से वापस लौट आईं। दूसरे दिन भी कार्रवाई न होने को लेकर अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं बस्ती वालों का कहना है कि दो साल से चर्बी का धंधा बेखौफ चल रहा है।

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रामगढ़ थाना क्षेत्र में बंबा बाइपास के निकट लालपुर के पास कई अहाते बने हैं। इन अहातों में बड़े गेट लगे हैं और हमेशा ताला पड़ा रहता था। इस क्षेत्र में पांच साल पहले जानवरों के कट्टीखाने चलते थे। तब प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इन्हें बंद करवा दिए थे। इसके आसपास गोविदनगर, बिलाल नगर समेत कई बस्तियां हैं जो ननि के वार्ड 63 में आती हैं। गुरुवार दोपहर कूड़ा जलाने की सूचना पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम पहुंची थी। वहां कूड़ा जलते तो नहीं मिला, लेकिन एक ताला बंद अहाते में भट्टी पर जानवरों के अवशेष से चर्बी पकाई जा रही थी। यहां पर एक शख्स भी मिला, लेकिन कोई कार्रवाई किए बगैर टीम वापस लौट आई।

शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डा.जेपी सिंह के नेतृत्व में नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम पहुंची। लगभग आधा घंटा तक ताला बंद अहातों में बाहर से झांकती रही और वापस लौट आई। सूत्रों के मुताबिक अहाते के अंदर सुलग रही भट्टियां रोज की तरह सुलगती रहीं। - वनस्पति घी के भरे हैं खाली टिन, मिलावट की आशंका: गुरुवार को जिस अहाते में घुसकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने वीडियो तैयार किया था, वहां भट्टी के बाद ब्रांडेड वनस्पति घी के खाले टिन भरे पड़े हैं। आशंका है कि इन्हीं में चर्बी भरकर भेजी जाती थी। घी में चर्बी की मिलावट की आशंका भी समाने आई है।

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कटघरे में अफसर, आमने-सामने पीसीबी और पुलिस: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा अन्य विभाग भी कटघरे में हैं। यहां इतने साल से पशुओं की अवैध कटान और चर्बी का धंधा चल रहा है और किसी को भनक नहीं लगी। गुरुवार को पीसीबी की टीम पहुंची, लेकिन न तो पुलिस को बुलाया और न अधिकारियों को सूचना दी। वीडियो बनाकर वापस लौट आई। शुक्रवार को यही स्थिति रही। पीसीबी के सहायक वैज्ञानिक डा. जेपी सिंह का कहना है कि वे रामगढ़ थाने में बैठे रहे, लेकिन फोर्स नहीं मिला। कह दिया कि आज राष्ट्रपति की ट्रेन की सुरक्षा में व्यस्त हैं। वहीं इंस्पेक्टर रामगढ़ अनूप तिवारी का कहना है कि सुबह नगर निगम के अधिकारी का फोन पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने के लिए आया था, इसके बाद दोपहर 12 बजे तक कोई नहीं आया और न ही उन्हें दोबारा फोन किया गया।

---------------------- साबुन और कास्मैटिक में होता है चर्बी का प्रयोग.

वनस्पति घी और घी में मिलावट के अलावा चर्बी का प्रयोग साबुन और कास्मैटिक बनाने में किया जाता है। जिला अभिहित अधिकारी डा. सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि घी में मिलावट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। चर्बी का इस्तेमाल साबुन और कास्मैटिक बनाने में होता है। इस तरह से तैयार होने वाली चर्बी नुकसान दायक होती है।


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