छह खदानों की ओटीपी बंद, अब सितंबर तक नहीं कर पाएंगे खनन
जागरण संवाददाता फतेहपुर जिले में मौरंग खनन के लिए 11 पट्टे चल रहे थे जिसमें जून माह की
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिले में मौरंग खनन के लिए 11 पट्टे चल रहे थे, जिसमें जून माह की किस्त न जमा करने पर निदेशालय ने छह खदानों की ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) बंद कर दी है। लिखापढ़ी में यह खदानें एक मई से बंद हैं। बावजूद इसके कुछ खदानें ऐसी हैं जो बंद ओटीपी पर चोरी-छिपे खनन कर मुनाफा कमाकर राजस्व को चूना लगा रहीं है। खनन कार्य के लिए अब मात्र दस दिन का ही समय बचा है। माना यह जा रहा है कि जिन खदानों में ओटीपी बंद हैं अब वह 30 सितंबर के बाद ही चालू हो सकेंगे।
खनन नियमों के तहत बारिश में खनन 30 जून से 30 सितंबर तक बंद रहता है। इस दौरान बारिश होती और नदियों में जलजीवों के प्रजनन का भी समय होता है। अंतिम दस दिनों के खनन के लिए व्यवसायी ज्यादा से ज्यादा खनन करने की फिराक में हैं। ताकि मौरंग की बिक्री कर वह मुनाफा कमा सकें। लाइसेंस में खेलकर जगह-जगह मौरंग डंप की जा रही है। अंधेर यह है कि ज्यादा से ज्यादा मौरंग निकालने के लिए नियमों को भी ताक पर रखा जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण अढ़ावल-11 खंड है। यहां मनमानी पर प्रशासन ने पट्टा धारक पर मुकदमा दर्ज कराया और उसे पट्टा निरस्तीकरण की नोटिस भी दी। इन खदानों का ओटीपी बंद हुई
-बारा
-गढ़ीवा-मझिगवा-2
-रानीपुर- 2
-अढ़ावल-11
-सलेमपुर
-अढ़ावल- एक ये खदानें हैं चालू
-अढ़ावल कंपोजिट- 1
-अढ़ावल कंपोजिट- 2
-कोर्रा कनक
-राम नगर कौहन
-गढ़ीवा मझिगंवा जिले में पांच खदानें चालू हैं, और छह ओटीपी बंद होने के कारण नहीं चल रही हैं। अगर वह बकाया किस्त जमा करती हैं तो उनकी ओटीपी शासन से खुलेगी तभी खनन करने दिया जाएगा। हर खदान पर निगाह रखी जा रही है। अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अजीत पांडेय, खनन इंस्पेक्टर