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संगीनों के साए में संकिसा का धार्मिक स्थल

संवाद सूत्र संकिसा (फर्रुखाबाद) बौद्ध अनुयायियों एवं स्थानीय नागरिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 04:51 PM (IST)
संगीनों के साए में संकिसा का धार्मिक स्थल

संवाद सूत्र, संकिसा (फर्रुखाबाद) : बौद्ध अनुयायियों एवं स्थानीय नागरिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद दूसरे दिन गुरुवार को संकिसा स्थित धार्मिक स्थल पुलिस की निगरानी में है। दिन भर मुख्य गेट नहीं खुला। जिससे पूजा अर्चना करने आए लोग लौट गए। धम्मा लोको बुद्ध विहार से धार्मिक स्थल तक जगह-जगह पुलिस तैनात है। हर आने जाने वाले पर नजर रखी जा रही है।

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बुद्ध महोत्सव में धम्मा यात्रा के दौरान बौद्ध अनुयायी व स्थानीय नागरिकों के बीच बुधवार को भिड़ंत हुई थी। जिससे पुलिस प्रशासन को स्थिति नियंत्रण करने में पसीने छूट गए। फिलहाल धार्मिक स्थल का मेन गेट बंद कर दिया गया। वहां कड़ा पहरा लगाया गया है। अंदर और बाहर पुलिस तैनात है। सुबह पूजा करने आए लोगों को गेट से ही वापस कर दिया गया। संकिसा गांव एवं धम्मा लोको बुद्ध विहार के सामने भी पुलिस तैनात रही। हालांकि देर रात तक अधिकांश बौद्ध अनुयायी लौट गए थे। धम्मा लोको बुद्ध विहार के अध्यक्ष व महोत्सव के संयोजक कर्मवीर शाक्य ने बताया कि उनके कक्ष के बाहर रात भर पुलिस का पहरा रहा। हालांकि संकिसा में शांति है। तहसील सदर के नायब तहसीलदार रवेंद्र पाल सिंह, कायमगंज के नायब तहसीलदार सनी कनौजिया, तहसीलदार अमृतपुर संतोष कुमार भी दिन भर संकिसा में डेरा जमाए रहे। सीओ कायमगंज सोहराब आलम ने भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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सीओ ने संभाला मोर्चा, दोनों पक्षों को थाने बुलाकर की बात

संकिसा संघर्ष को लेकर दर्ज चारों मुकदमों की विवेचना पर क्षेत्राधिकारी सोहराब आलम थाने में रुककर दिशा निर्देश दे रहे हैं। शमसाबाद थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह व अचरा चौकी प्रभारी हरिओम प्रकाश त्रिपाठी को सभी कानूनी पहलुओं पर पड़ताल करने के लिए लगाया गया है। क्षेत्राधिकारी ने मां बिसारी देवी सेवा समिति के अध्यक्ष अतुल दीक्षित व महोत्सव संयोजक कर्मवीर शाक्य को थाने बुलाकर बात की। दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की हिदायत दी गई है।

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खुफिया विभाग भी सक्रिय

संकिसा के संघर्ष को लेकर पुलिस के साथ खुफिया विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पुलिस तंत्र पूरी तरह फेल रहा। इसी वजह से एलआइयू व अन्य खुफिया एजेंसियों के कर्मचारी ग्रामीणों से बात कर हालात का जायजा लेते रहे।


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