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छिपैटी अहीरन टोला को है सुलभ शौचालय की दरकार

जागरण संवाददाता, इटावा : नगर पालिका परिषद के तहत आने वाला वार्ड-26 अहीरन टोला छिपैटी इ

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Jul 2018 06:29 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 06:29 PM (IST)
छिपैटी अहीरन टोला को है सुलभ शौचालय की दरकार

जागरण संवाददाता, इटावा : नगर पालिका परिषद के तहत आने वाला वार्ड-26 अहीरन टोला छिपैटी इस समय बुनियादी सुविधाओं को लेकर हलकान है। शहर का अति प्राचीन यह वार्ड अपनी बदहाली पर आंसू बहा कर रह जाता है। इतिहास गवाह है कि इस वार्ड का नाम लोग सम्मान के साथ लिया करते थे। वार्ड की कई कहावतें व परंपराएं पौराणिक कथाओं का हिस्सा बन चुकी हैं। इस वार्ड में नगर पालिका परिषद द्वारा दो सुलभ शौचालय बनवाए गए थे। एक सुलभ शौचालय बस्ती के बीच में तथा एक बीहड़ से जुड़े भाग में बनवाया गया था। देखरेख के अभाव में इस समय दोनों ही शौचालय अपनी पहचान ही खो चुके हैं। हैरत की बात यह है कि जागरूक लोगों ने दो बार जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को तथा दो बार अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को प्रार्थना पत्र दिए बावजूद अभी तक शौचालयों की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। वार्ड - 26 नाम - अहीरन टोला छिपैटी वार्ड की आबादी - 20 हजार

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वार्ड का इतिहास छिपैटी अहीरन वार्ड शहर का सबसे पुराना वार्ड है। शहर की ऐतिहासिक होली का पर्व इसी मोहल्ले से मनाया जाता था। वार्ड में सती मठ स्थापित है। यह वीरों व वीरांगनाओं का वार्ड कहा जाता है। वार्ड में 21 वीरांगनाएं शहीद हुईं थीं, जिनके मकबरे आज भी पूज्यनीय माने जाते हैं। धार्मिक मठ, मंदिर यहां बहुतायत में पाए जाते हैं। साहित्यकार, कथाकार, पंडित, पुजारी, पत्रकार, छायाकार राजकीय व गैर राजकीय कर्मचारी, व्यापारी, चिकित्सक आदि लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। यहां का होली का नंगनाच आज भी मशहूर है। प्रमुख समस्याएं

- वार्ड की जर्जर गलियां चलने लायक नहीं

- वार्ड की टूटी नालियां, भरता है गलियों में पानी

- तंग एवं टूटी गलियों में रहता है अंधेरा

- सुलभ शौचालय का अभाव

- खुले में शौच करना बना लोगों की मजबूरी

- स्वच्छ भारत मिशन का हो रहा उल्लंघन

है कोई जो सुलभ शौचालय की मरम्मत कराए

आजादी के बाद से बने सुलभ शौचालय की दशा बदहाल है। शौचालय के दरवाजे टूट चुके हैं उसमें पानी का अभाव बना हुआ है। छत व दीवारें भी जर्जर हो गई हैं। मोहल्ले की महिलाओं व पुरुषों को शौच के लिए जंगल में जाना पड़ रहा है। कई बार मरम्मत के आश्वासन मिले पर काम अब तक शुरू नहीं हो सका।

-संजू यादव इस प्राचीन वार्ड में अनेक संभ्रात लोगों के आवास हैं। तंग गलियां इतनी जर्जर हो गई हैं कि शाम ढलते ही इनसे गुजरना खतरे का सबब बन गया है। तकरीबन 10 साल पूर्व बनी गलियां जर्जर हो गई हैं। रही बची कसर जलनिगम ने पाइप लाइन डालने के दौरान निकाल दी। अब तो पैदल चलना भी दूभर हो गया है।

-जगदीश यादव बस्ती में सुलभ शौचालय के पीछे ही एक प्राथमिक विद्यालय संचालित है। पहले जब सुलभ शौचालय सही था तो बच्चों को बहुत सुविधा थी। इस समय इसको मरम्मत की दरकार है। अगर मरम्मत हो जाए तो आम जनता को इसका लाभ मिल सकता है। जर्जर गलियों के कारण रिक्शा वाला भी मोहल्ले में आने को तैयार नहीं होता है।

-दिलीप यादव नगर पालिका ने पहले यहां दो सुलभ शौचालय बनवाए थे, इस समय दोनों ही अनुपयोगी हो गए हैं। एक शौचालय जो बीहड़ में बना है उसमें सुअर का बाड़ा चल रहा है। दूसरा जो बस्ती के बीच में बना हुआ है उसकी हालत इतनी खस्ता है कि लोग शौच के लिए जाना ही छोड़ गए है।

-सरला यादव जिम्मेदार बोले

वार्ड के जर्जर सुलभ शौचालय की सूचना पहले मिल चुकी है। नगर पालिका ने अवर अभियंता को शौचालय मरम्मत का प्रस्ताव बनाने को कहा है। अब शीघ्र ही इसकी मरम्मत कराई जाएगी।

-अनिल कुमार अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद


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