Move to Jagran APP

UP Lok Sabha Election: यूपी के इस लोकसभा सीट पर भाजपा दिखाएगी दो का दम, Ground Report में पढ़‍िए जमीनी हकीकत

यदि आठ-दस वर्ष बाद देवरिया आए हैं तो शहर का बहुमुखी विकास आपको हैरान कर देगा। यह कोई बहुत बड़ा शहर नहीं जहां मेट्रो-एक्सप्रेसवे की कल्पना की जाए लेकिन लगभग दशक भर पहले तक यहां अच्छी सड़कों के लिए परेशान रहने वाले लोग आज विकास के मोर्चे पर संतुष्ट नजर आते हैं। हालांकि उनकी कुछ समस्याएं भी हैं। देवरिया से बरेली के संपादकीय प्रभारी जय प्रकाश पांडेय की रिपोर्ट...

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Sun, 26 May 2024 11:47 AM (IST)Updated: Sun, 26 May 2024 11:47 AM (IST)
बाएं से शशांक मणि, भाजपा, अखिलेश सिंह, कांग्रेस, संदेश यादव, बसपा।

 यह देवरिया लोकसभा क्षेत्र है। चढ़ चुके चुनावी तापमान के साथ ही उमस भरी गर्मी के बीच देवरिया शहर धीरे-धीरे पार करते हुए गोरखपुर को जाने वाली सड़क पर बढ़िए। चौड़ी सड़कें, व्यवस्थित डिवाइडर और खान-पान से लेकर पहनावे तक के नामचीन ब्रांडों के शोरूम देखकर आपको अच्छा लगेगा। बिजली व्यवस्था सुधरी है तो साफ-सफाई पर भी सबकी सजगता बढ़ी है।

डबल इंजन की सरकार के लाभ को बारंबार गिनाने वाली भारतीय जनता पार्टी जाहिर तौर पर इन विकास कार्यों का श्रेय लेती दिखती है। इस बार यहां भाजपा प्रत्याशी शशांक मणि त्रिपाठी का मुकाबला कांग्रेस के जिन अखिलेश प्रताप सिंह से है, लोग उन्हें भी विकास कार्यों के लिए ही जानते हैं।

भाजपा प्रत्याशी शशांक पहली बार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन उनके परिवार के लोग लंबे समय से राजनीति में रहे हैं। स्वयं शशांक मणि त्रिपाठी बीते 10 वर्षों से इस क्षेत्र के युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं और कई युवाओं व महिलाओं को विभिन्न स्टार्टअप के माध्यम से रोजगार दिलाने में सफलता प्राप्त की है।

इसे भी पढ़ें-पूर्वांचल की इन सीटों पर भाजपा का सिरदर्द बढ़ा रही यह महिला कांग्रेस नेता, एक झटके में मतदाताओं को कर लेती हैं अपनी ओर

शशांक के दादा एमएलसी थे वहीं उनके चाचा विधायक। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी उप थल सेनाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त होकर राजनीति में आए और दो बार सांसद चुने गए। इस परिवार की छवि साफ सुथरी है और लोग इनपर भरोसा करते हैं।

दूसरी ओर, आइएनडीआइए की ओर से यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस ने यहां से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह को उतारा है जो वर्ष 2012 में बांसगांव लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उन दिनों प्रदेश में सपा की सरकार थी। ऐसे में विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने क्षेत्र में काफी विकास कार्य करवाए थे, जिनकी चर्चा लोग आज भी करते हैं।

इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे बहुजन समाज पार्टी के संदेश यादव को दलितों के अतिरिक्त अल्पसंख्यक मतदाताओं से भी काफी उम्मीदें हैं। वस्तुत: देवरिया और कुशीनगर जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में फैली देवरिया लोकसभा सीट वर्ष 2019 में भाजपा के पास थी और तब सांसद थे डा. रमापति राम त्रिपाठी। उन्होंने लगभग ढाई लाख मतों के अंतर से विजय प्राप्त की थी।

इसे भी पढ़ें-बस्ती मंडल में 84 हजार अधिक मतदाताओं ने डाले वोट, इस सीट पर है कांटे का मुकाबला

ताना-बाना

छोटी गंडक और कुरना नदी के प्रवाह क्षेत्र वाले देवरिया लोकसभा क्षेत्र में लगभग 27 प्रतिशत ब्राह्मण, 12 प्रतिशत अल्पसंख्यक और छह प्रतिशत सैंथवार मतदाता हैं। अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या जहां लगभग 14 प्रतिशत है, वहीं वैश्य मतदाता लगभग आठ प्रतिशत हैं। इनके अलावा राजपूत, कुम्हार और कायस्थ मतदाताओं की भी प्रभावी संख्या है। देवरिया लोकसभा क्षेत्र में एक जून को मतदान होना है।

महंगाई के साथ ही कानून व्यवस्था भी चुनावी मुद्दा

डबल इंजन सरकार के लाभ के रूप में अब तक हुए और हो रहे विकास कार्य, अनाज व आवास के साथ ही आयुष्मान जैसी जन कल्याणकारी योजनाएं और बेहतर कानून व्यवस्था की बात तो सभी स्वीकार करते हैं, लेकिन शहर के हनुमान मंदिर के पास मिल गए भगवान चौराहा निवासी श्री प्रकाश कुशवाहा महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा भी उछालते हैं।

वहीं मौजूद मेहरौना निवासी सत्यम गुप्ता को इसका मलाल है कि हाल के वर्षों में कोई नई भर्ती नहीं हुई, रोजी-रोजगार के अवसर क्षीण हो गए। हालांकि, नई कालोनी के रामराज गुप्ता सत्यम की बात को काटते हैं। डबल इंजन सरकार के फायदे गिनाते हुए रामराज कहते हैं कि रोजी-रोजगार के लायक माहौल पैदा करना ही सरकार का काम है जो कि इस समय बखूबी हो रहा है।

तमाम स्टार्टअप के माध्यम से आज लाखों लाख लोग अपने पैरों पर खड़े हैं। रेलवे स्टेशन पर साइकिल स्टैंड चलाने वाले अकील अहमद खान इस बार यहां के चुनाव को कांटे का मानते हैं। यहीं भेंट होती है विनोद कुमार यादव से। पढ़ाई पूरी कर अब भर्ती परिक्षाओं में भाग्य आजमा रहे हैं। विनोद भी दबी जुबान बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हैं और महंगाई की बात करते हैं।

दूसरी ओर राम गुलाम टोला की राधा देवी अलग तरीके से अपनी बात रखती हैं। राधा कहती हैं, आज हर जरूरतमंद को मुफ्त राशन, आवास और आर्थिक मदद देना सबसे पहले भाजपा सरकार ने ही शुरू किया। अब दूसरे दल वाले भी वादा कर रहे हैं इस शर्त के साथ कि यदि सत्ता में आए तो वे भी ऐसा ही करेंगे। भाजपा के पहले इन लोगों की भी तो सरकार थी, इन लोगों ने यह काम तब क्यों नहीं किया।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.