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रेल फ्रेट कारीडोर से पहली मालगाड़ी, पीडीडीयू जंक्शन पर हुई मानीटरिग

जागरण संवाददाता पीडीडीयू नगर (चंदौली) डेडिकेट फ्रेट कारीडोर कारपोरेशन की तैयार

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 08:44 PM (IST)
रेल फ्रेट कारीडोर से पहली मालगाड़ी, पीडीडीयू जंक्शन पर हुई मानीटरिग

जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : डेडिकेट फ्रेट कारीडोर कारपोरेशन की तैयार रेलवे लाइन पर पहली मालगाड़ी मंगलवार की देर शाम पीडीडीयू जंक्शन से होते हुए गुजरी। ट्रेन का स्थानीय जंक्शन पर ठहराव न होने के कारण अधिकारियों ने मानीटरिग की और उसे आगे के लिए रवाना कर दिया। जीवनाथपुर रूट डायवर्जन से 15 सौ मीटर की मालगाड़ी इलाहाबाद व मुंबई हावड़ा रूट के लिए अलग हुई। मालगाड़ी पंजाब के मुल्लापुर से 4811 टन चावल व फरीदकोट से 4582 टन गेहूं लेकर निकली है। चावल बिहार के वासलीपुर जाएगा, तो वहीं गेहूं मीरजापुर व सोनभद्र में उतरेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से दिल्ली से उद्घाटन किया। इसके साथ ही कानपुर देहात के न्यू भाऊपुर जंक्शन से लांग हाल मालगाड़ी किसानों का माल लादकर रवाना हो गई। फ्रेट कारीडोर पर चलने वाली पहली 60070/60020 मालगाड़ी पर नौ हजार 399 टन चावल व गेहूं लादा गया है। रेलवे की इस उपलब्धि से किसानों का अनाज समय से पहुंचेगा। हरियाणा से पश्चिम बंगाल के बीच बन रहे 1839 किलोमीटर लंबे डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर का भाऊपुर (कानपुर) से खुर्जा (बुलंदशहर) तक का 351 किमी का हिस्सा तैयार है। दादरी में ईस्टर्न और वेस्टर्न में डीएफसी का कार्य चल रहा है। ईस्टर्न डीएफसीसी का विस्तार लुधियाना से शुरू होकर अंबाला, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, खुर्जा, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, प्रयागराज, मुगलसराय, सोननगर, गोमोह, अंडाल, दानकुनी तक होगा।

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दो मालगाड़ी को जोड़कर चलाई जा रही एक लांग हालरेलवे ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन को लेकर काफी सजग है। एक साथ दो मालगाड़ियों को जोड़कर एक लांग हाल मालगाड़ी चलाई जा रही है। तीन जोन व तीन मंडलों के समन्वय से यह कार्य हो पाया है। दो रूट पर कटने वाली रेल लाइन से मालगाड़ियां अलग हो जाती हैं। रेलवे इसे अपनी बड़ी उपब्लधि मान रहा है।

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शक्तिशाली इंजन बना है सहारा

भारतीय रेलवे व यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर मधेपुरा फैक्ट्री में बना देश का सबसे शक्तिशाली इंजन सहारा बना हुआ है। 750 मीटर रैक के बाद दूसरा इंजन लगाया जा रहा है। 12 हजार हार्सपावर क्षमता का इंजन है। दुर्घटना की स्थिति में खुद ही इमरजेंसी ब्रेक लग जाएगा।

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'रेलवे की यह एक बड़ी उपलब्धि है। इसका सबसे अधिक लाभ व्यापारियों को होगा। किसानों का अन्न भी समय से पहुंचेगा।

राजेश कुमार, डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर, डीएफसीसी


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