32 मजदूरों के साथ रेलवे पटरी पकड़कर पहुंचा था संक्रमित युवक
बिहार के कटिहार निवासी युवक की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने से चिकित्सक भी हैरत में हैं। राजकीय अस्पताल की स्वास्थ्य टीम प्रतिदिन मेडिकल परीक्षण करती थी। यहां तक कि गुरुवार को जब उसका सेंपल लिया जा रहा था था तब भी वह स्वस्थ्य था। वरिष्ट चिकित्सक डा. वीके मौर्या के अनुसार उसे हल्का फीवर था खांसी व सांस संबंधी समस्या नहीं थी। राजकीय अस्पताल एमबीएस के सीएमएस डा. जयनरेश उपजिलाधिकारी आशीष मिश्रा सहित प्रतिदिन सेल्टर होम की व्यवस्था देखने वाले भी हैरत में हैं।
जागरण संवाददाता, भदोही : किस तरह घर पहुंचने की चाहत ने बिहार के इस युवक को कोरोना संक्रमित बना दिया, वह सुनकर दिल द्रवित कर जाता है। उसके अतीत में थोड़ा झांके तो वह दिल्ली स्थित एक प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी में काम करता है। लॉकडाउन हुआ तो पैसे के लाले पड़ गये। सिर पर छत की चिता सताने लगी। उसके साथ 32 अन्य साथी भी उसी कंपनी में काम करते हैं, इसलिये सबके साथ वह 28 मार्च को दिल्ली से निकल पड़ा। वह बस से सभी साथियों के साथ निकल पड़ा। 29 को वह कानपुर नगर पहुंचा था। वहां से उसे आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था तो सभी साथियों के पैदल ही निकल पड़ा। उसने जंघई बनारस रेलवे रूट पकड़ा। दिन-रात चला और 31 मार्च की दोपहर भदोही के मोढ़ के पास उन्हें पुलिस ने रोक दिया। उस समय पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि वे दिल्ली से कानपुर तक बस से आए हैं, उसके बाद रेलवे ट्रैक पकड़कर पैदल ही बिहार के कटिहार जिले स्थित घर जा रहे हैं।
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रिपोर्ट पॉजीटिव, चिकित्सक हैरत में
बिहार के युवक की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आने से चिकित्सक भी हैरत में हैं। राजकीय अस्पताल की स्वास्थ्य टीम प्रतिदिन मेडिकल परीक्षण करती थी। गुरुवार को जब उसका सेंपल लिया जा रहा था था तब भी वह स्वस्थ था। वरिष्ठ चिकित्सक डा. वीके मौर्या ने बताया कि उसे हल्का फीवर था। शरीर का औसत तापमान 98.4 डिग्री फॉरेट हाइट होता है, लेकिन जांच में 99 डिग्री फॉरेन हाइट आया। खांसी व सांस संबंधित उसे कोई समस्या नहीं दिखी।
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मंडलीय अस्पताल ले जाते वक्त चौंक पड़ा युवक
राजकीय अस्पताल एमबीएस के सीएमएस डा. जयनरेश व एसडीएम आशीष मिश्रा सहित प्रतिदिन शेल्टर होम की व्यवस्था देखने वाले भी हैरत में हैं। शुक्रवार को युवक को जब बताया कि उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था तो वह भी चौंक उठा। अधिकारियों के अनुसार वह स्वयं को स्वस्थ बता रहा था। मंडलीय अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं था। हालांकि स्वास्थ्य टीम ने भी उसका हौसला बढ़ाते हुए कहा कि कुछ आवश्यक परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा है।
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नौ अन्य लोगों को भी रोका गया
उसी दिन दिल्ली से रिक्शा ट्राली से आ रहे सात व साइकिल से आ रहे दो लोगों को रोका गया था। सभी को नेशनल कालेज स्थित स्थापित शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया। राजकीय अस्पताल की स्वास्थ्य टीम उनका प्रतिदिन मेडिकल परीक्षण करती थी। एक अप्रैल को ज्ञानपुर प्रशासन द्वारा रोके गए राजस्थान से लौटने वाले बिहार के 93 मजदूरों को नेशनल कालेज पहुंचाया गया था। ज्ञानपुर सीओ कालू सिंह सभी को लेकर नेशनल कालेज आए थे।
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सेनेटाइज किया गया जिला अस्पताल
ज्ञानपुर : कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी का जिले में पहला पॉजीटिव केस सामने आने के बाद जिला अस्पताल में सतर्कता और सुरक्षा के बंदोबस्त बढ़ा दिए गए हैं। शनिवार को महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल को सेनेटाइज कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम को एहतियात बरता जा रहा है। अस्पताल के क्वारंटाइन वार्ड में 11 बंग्लादेशी समेत 15 लोग क्वारंटाइन पर रखे गए हैं। प्रशासन की मानें तो आवागमन में वायरस के संक्रमण के फैलाव को लेकर नियमित साफ-सफाई के साथ सैनेटाइज किए जाएगा।