बिना पेड़ पौधों के जीवन की कल्पना करना हास्यास्पद
स्कूल का मतलब बच्चों को किताबी ज्ञान तक सीमित रखना नहीं
बिना पेड़ पौधों के जीवन की कल्पना करना हास्यास्पद
जागरण संवाददाता, भदोही : विद्यालय का मतलब बच्चों को किताबी ज्ञान तक सीमित रखना नहीं बल्कि देश व समाज के प्रति कर्तव्यों का पालन करने के लिए उन्हें जागरूक करना भी जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के साथ देश की सभ्यता व संस्कृति का संरक्षण करना भी नौनिहालों की जिम्मेदारी है। शनिवार को सिविल लाइन स्थित वुडवर्ड पब्लिक स्कूल में आयोजित औषधीय पौधों की बागवानी विषयक कार्यशाला में यह बातें पतंजलि योग समिति के प्रांत प्रभारी योगाचार्य संदेश योगी ने कही।
उन्होंने कहा कि युवा ही देश के भविष्य हैं। स्कूली शिक्षा के साथ-साथ समाज के प्रति इनकी जिम्मेदारी से अवगत कराना बेहद जरूरी है। उन्होंने औषधीय पौधों के महत्व व इससे होने वाले लाभ के बारे में बच्चों को जानकारी देते हुए जीवन का अर्थ बताया। कहा कि बिना पेड़ पौधों के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस दौरान कालमेघ, तुलसी, पत्थर चट्टा, मीठा नीम, गिलोय, बिल्व आदि पौधों के गुण से बच्चों को अवगत कराया। इससे पहले विद्यालय की प्रिंसिपल शालिनी मेहरा को उन्होंने औषधीय पौधे भेंट की।