UP Lok Sabha Election: बस्ती मंडल की तीनों सीटों पर नामांकन आज से शुरू, सियासी बिसात पर बिछे मोहरे, चाल की तैयारी
UP Lok Sabha Election बस्ती में भारतीय जनता पार्टी ने अपने वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी को मैदान में उतारा है। हरीश इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में है। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे रामप्रसाद चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। रामप्रसाद पिछले कई चुनाव से यहां बसपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे थे।
जागरण संवाददाता, बस्ती। चुनाव के छठवें चरण का शंखनाद सोमवार से हो जाएगा। प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से प्रत्याशी मैदान में उतार दिए गए हैं। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रत्याशियों की भागदौड़ भी शुरू हो जाएगी। नामांकन से एक दिन पहले ही संतकबीर नगर सीट पर कई राजनीतिक बदलाव दिखे।
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर खलीलाबाद से चुनाव लड़ने वाले जय चौबे भाजपा में शामिल हो गए तो बसपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। मोहम्मद आलम की जगह अब यहां से सैयद दानिश अशरफ को प्रत्याशी बनाया गया है।
बस्ती मंडल की तीनों सीटों डुमरियागंज, बस्ती व संतकबीरनगर में रोमांचक मुकाबले के आसार हैं। सीटों के सियासी बिसात पर मोहरे बिछ गए हैं और बादशाहत साबित करने के लिए सभी अपनी चाल चलने को तैयार हैं।
इसे भी पढ़ें-इंसानों पर तेंदुए के हमले का LIVE VIDEO आया सामने, मच गई चीख-पुकार; लाठी-डंडों से किसी तरह बची जान
बस्ती में हरीश, रामप्रसाद व दयाशंकर मैदान में
बस्ती में भारतीय जनता पार्टी ने अपने वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी को मैदान में उतारा है। हरीश इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में है। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे रामप्रसाद चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। रामप्रसाद पिछले कई चुनाव से यहां बसपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे थे। बसपा ने भाजपा से आए पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र को टिकट दिया है।
पर्चा वापसी के बाद नौ मई की शाम को प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाएगी। इसके साथ ही क्षेत्र के कुछ सियासी सूरमाओं के कदम को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम लगेगा। हरीश द्विवेदी के नामांकन में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय निषाद, प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान, आशीष पटेल शामिल हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- भाजपा के गढ़ काशी से पूर्वांचल को साधेंगे विपक्ष के सितारे, कई नेताओं को बनारस आने को भेजा पत्र
संतकबीर नगर में आमने-सामने निषाद प्रत्याशी
संतकबीरनगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने सांसद प्रवीण निषाद को प्रत्याशी बनाया है। सपा ने अपने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद को मैदान में उतारा है। इस तरह देखा जाय तो भाजपा ने निषाद वोटरों पर पकड़ बरकरार रखने के लिए प्रवीण तो सपा ने उसमें सेंधमारी के लिए स्थानीय पप्पू निषाद को मैदान में उतारा है।
बसपा की ओर से नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले सैयद दानिश अशरफ को मैदान में उतारा गया है। कई लोकसभा चुनावों के बाद ऐसा पहली बार है जब संतकबीर नगर सीट से पूर्व सांसद भालचंद्र यादव मैदान में नहीं नजर आएंगे। भालचंद्र दिवंगत हो चुके हैं। उनके पुत्र सुबोध अब सपा के साथ हैं।
बस्ती मंडल में नामांकन
- नामांकन शुरू होने की तिथि: 29 अप्रैल।
- नामांकन की अंतिम तिथि: छह मई।
- नामांकन पत्रों की जांच: सात मई।
- नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि: नौ मई।
- मतदान की तिथि: 25 मई।
डुमरियागंज में जगदंबिका पाल, कुशल व समसुद्दीन जनता के बीच
डुमरियागंज में भाजपा ने अपने सांसद जगदंबिका पाल को उम्मीदवार बनाया है। वह 2009 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार यहां से चुनाव जीते थे। 2014 में वह भाजपा में शामिल हो गए। तब से भाजपा के सांसद हैं। सपा ने पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के पुत्र व संतकबीर नगर से दो बार सांसद रहे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को टिकट दिया है।
इनके यहां से मैदान में उतरने से चुनाव रोचक हो गया है। इनके भाई व गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी 2012 में बांसी से विस चुनाव लड़ चुके हैं। बसपा ने अपने कैडर के नेता पर भरोसा जताया है। गोरखपुर के पूर्व जिला महासचिव व गोरखपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे ख्वाजा समसुद्दीन को प्रत्याशी बनाया है।
नहीं टूट सका 57 साल का पुराना रिकार्ड गोरखपुर
अधिक से अधिक मतदान को लेकर अब तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन गोरखपुर में 1967 के चुनाव में मतदान का जो रिकार्ड बना था, उसे आज तक तोड़ा नहीं जा सका है। 57 साल पहले हुए चौथी लोकसभा के चुनाव में गोरखपुर के लोगों ने 61.28 प्रतिशत मतदान किया था। उसके बाद सर्वाधिक मतदान 2019 के चुनाव में हुआ। गोरखपुर के लोगों ने इस चुनाव में 59.79 प्रतिशत वोट पड़े।