Move to Jagran APP

जेटली की पोटली से 'अच्छे दिन' की उम्मीद

बस्ती : आम आवाम को अच्छे दिनों का सपने दिखा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले 'जादूगर' की सरकार के आज

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 10:34 PM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 10:34 PM (IST)

बस्ती : आम आवाम को अच्छे दिनों का सपने दिखा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले 'जादूगर' की सरकार के आज पेश हो रहे पहले आम बजट से अच्छे दिन आने की उम्मीद हैं। लोग यह जानने को व्याकुल हैं, कि बड़ी-बड़ी बातों का गुलदस्ता पेश कर मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रधानमंत्री के खास सिपहसालार अरुण जेटली अपनी पोटली से ऐसा क्या निकालते हैं, जिससे सरकार का वादा पूरा हो सके।

सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक सुधार की प्रक्रिया जारी रखते हुए सब्सिडी, विकास, नौकरियों के अवसर, बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने की है। इसके अलावा आंतरिक व वाह्य सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है। इस सबके बीच संतुलन बनाए रखने की उम्मीद आम लोगों ने पाल रखी है। आज यानी शनिवार को संसद में 12 बजते-बजते हकीकत सामने आ जाएगी कि साल भर किस व्यवस्था के तहत आम आदमी को दिन गुजारना होगा।

अलग-अलग वर्ग की अलग उम्मीदें

- समाज के अलग-अलग वर्ग की बजट से उम्मीदें भी अलग हैं। निम्न वर्ग रोजी रोटी और सिर के ऊपर छत की आस लगाए हुए हैं तो मध्यम व उच्च मध्यम वर्ग टैक्स में छूट की उम्मीद पाले हुए है। किसान चाहता है कि उसके उपज का वाजिब मूल्य, कृषि लागत में कमी, सस्ते कृषि यंत्र व पर्याप्त बीज, दवाएं व उर्वरक समय से व सस्ता मिले। छात्र अच्छे शैक्षिक माहौल की कामना कर रहा है तो बेरोजगार रोजगार की।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर हो, फोरलेन जैसी पीछे चल रही परियोजनाओं के लिए धन का प्रबंध हो। टैक्स स्लैब बढ़ाया जाए। गांव के विकास पर जोर देने की जरूरत है।

-मनीष श्रीवास्तव-असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र

नौकरियों के अवसर बढ़ाएं

- बेरोजगारी का दंश समाज का सभी वर्ग झेल रहा है। मोदी सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाने का वायदा किया गया था। अब वक्त आ गया है कि मोदी सबकी उम्मीदों पर खरे उतरें।

-प्रिंस शुक्ला- छात्र

------------------

महिला सुरक्षा बड़ी चुनौती

- महिलाओं को मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। रसोई सस्ती हो इसके साथ ही उनकी कई अन्य चाहत है। खासकर सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र की सरकार से ऐसे पैकेज की उम्मीद है जिससे महिलाओं में एक ओर तो आत्म विश्वास बढ़ाने का प्रयास हो तो दूसरी ओर उन्हें घर से निकलते समय डर महसूस न हो।

- शशि श्रीवास्तव- गृहणी

----------------------

सस्ती हो खेती, वाजिब मिले दाम

- किसानों की माली हालत सुधारे बिना विकास की परिकल्पना अधूरी है। जबकि किसान आज मुश्किल के दौर से गुजर रहा है। खेती की लागत बढ़ती जा रही है। इसके सापेक्ष उपज का एक तो वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा, दूसरे कृषि में जरूरी संसाधन पर सब्सिडी बढ़ाई जाए।

- प्रभात कुमार श्रीवास्तव, प्रगतिशील किसान

----------------

आम जनता को मिले उतार-चढ़ाव का लाभ

- आम जनता पर लदने वाले तमाम अप्रत्यक्ष कर में कटौती होनी चाहिए। वैश्रि्वक बाजार में मूल्यों के उतार चढ़ाव का लाभ भी आम नागरिक को मिलना चाहिए। मुद्रा स्फीति पर अंकुश लगाने के लिए सार्थक नीति बनाने की आवश्यकता है।

- महेश कुमार, अधिवक्ता कमिश्नर बार

----------------------

निवेश को मिले प्रोत्साहन

- कर चोरी करने के विकल्प कम किए जाएं। निवेश को प्रोत्साहन मिले, ताकि रोजगार के अवसर बढे़ और विकास को गति मिले। इस बजट में सबसे अधिक जोर कृषि क्षेत्र पर देने की उम्मीद है। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आस भी जेटली के बजट से लगाई गई है।

- रसिक बिहारी शरण- वित्तीय सलाहकार

---------------------

उम्मीदों पर एक नजर

- टैक्स स्लैब घटाया जाए।

- कृषि में निवेश बढे़, आधुनिकीकरण हो।

- बुनियादी सुविधाओं पर जोर हो।

- महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने पर जोर।

- लघु उद्योग को बढ़ावा मिले ।

- सबको मिले सड़क, बिजली पानी ।

- युवाओं को रोजगार, शिक्षा और स्वस्थ माहौल की आस।

-अप्रत्यक्ष कर में कटौती होनी चाहिए। - मंहगाई कम करने का हो प्रयास, घटे गरीबी।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.