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UP Politics: वरुण गांधी ने संसद में पूछे थे सबसे ज्यादा सवाल, तीन निजी विधेयक भी लेकर आए; बाकियों का ऐसा रहा हाल

2019 के लोकसभा चुनाव में जनता के समर्थन से दिल्ली पहुंचे इन सांसदों ने मुखर होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। स्थानीय समस्याओं से जुड़े सवाल पूछे तो योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों को भी छुआ।मंडल के पांचों सांसदों में सवाल पूछने में सबसे आगे पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी रहे जबकि बरेली के सांसद संतोष गंगवार संकोच करते रहे।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Published: Thu, 25 Apr 2024 03:23 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2024 03:23 PM (IST)
वरुण गांधी ने संसद में पूछे थे सबसे ज्यादा सवाल, तीन निजी विधेयक भी लेकर आए

अंबुज मिश्र, बरेली। जनता का प्रतिनिधि बनकर सदन में पहुंचने वाले नेता पांच वर्ष कितने सक्रिय रहे, यह भी जानना जरूरी है। सदन में उपस्थित रहकर उन्होंने अपने क्षेत्र का कितना प्रतिनिधित्व किया, इसका मूल्यांकन भी होना चाहिए। नई लोकसभा गठन की तैयारी शुरू हो चुकी है।

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चुनाव का पहला चरण हो चुका, शेष में मतदान की बारी है। इससे पहले यह भी जान लीजिए कि आपके क्षेत्र के जनप्रतिनिधि आपकी आवाज बनकर सदन में मुखर रहे या मौन...। विभिन्न मुद्दों पर बहस में शामिल हुए या किनारा करते रहे। बरेली मंडल के पांचों सांसदों के पांच वर्ष का प्रदर्शन बता रहे हैं शाहजहांपुर के जिला प्रभारी अंबुज मिश्र...

सदन में सवाल पूछने में आगे रहे सांसद वरुण गांधी

2019 के लोकसभा चुनाव में जनता के समर्थन से दिल्ली पहुंचे इन सांसदों ने मुखर होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। स्थानीय समस्याओं से जुड़े सवाल पूछे तो योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों को भी छुआ। अवसर मिला तो सदन में विभिन्न विषयों पर अपनी बात भी रखी। मंडल के पांचों सांसदों में सवाल पूछने में सबसे आगे पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी रहे, जबकि बरेली के सांसद संतोष गंगवार संकोच करते रहे। उन्होंने सबसे कम सात सवाल ही पूछे। शाहजहांपुर के सांसद अरुण सागर व आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान पर मंत्रियों से प्रश्न पूछने में गुरेज नहीं किया।

धर्मेंद्र कश्यप ने पूछे 102 सवाल

बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने पांच वर्ष में सिर्फ सात सवाल ही पूछे। वहीं, सरकार की ओर से 11 विधेयक प्रस्तुत किए। लोकसभा की पांच कमेटियों के सदस्य रहे संतोष गंगवार ने लोकसभा में सबसे ज्यादा 44 बार विभिन्न विषयों पर बहस में शामिल होकर अपनी बात रखी। इसी लोकसभा क्षेत्र की दूसरी सीट आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने 102 सवाल पूछे। एक संशोधन विधेयक भी उन्होंने प्रस्तुत किया। धर्मेंद्र सबसे अधिक 10 कमेटियों में सदस्य रहे। सात बार विभिन्न विषयों पर हुई बहस में उन्होंने भी पक्ष रखा।

अरुण ने नहीं पेश किया कोई विधेयक

शाहजहांपुर से भाजपा सांसद अरुण सागर ने 142 सवाल पूछे, लेकिन कोई भी विधेयक नहीं प्रस्तुत किया। पांचों साल वह रसायन एवं उर्वरक कमेटी के सदस्य रहे। 34 पर विभिन्न विषयों पर बहस में वह शामिल हुए थे। बदायूं की सांसद डा. संघमित्रा मौर्य ने पांच वर्ष में 34 सवाल पूछे थे। उन्होंने तीन संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए थे। लोकसभा की पिछड़ वर्ग कल्याण समिति में सदस्य रहीं। राज्यसभा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति से भी जुड़ी रहीं। उन्होंने 56 बार सदन में हुई बहस में हिस्सा लिया।

तीन निजी विधेयक लाए वरुण

पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा में 150 सवाल पूछे। उन्होंने पांच विधेयक प्रस्तुत किए, जिनमें तीन निजी विधेयक शामिल थे। वह श्रम, कपड़ा और स्किल डेवलपमेंट की समिति में पांचों साल सदस्य रहे। वरुण गांधी ने आठ बार सदन में हुई बहस में बोले।

सिटीजन विजिट में संघमित्रा आगे

बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने पांच वर्ष के कार्यकाल में एक भी सिटीजन विजिट नहीं कराई। आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने चार एवं शाहजहांपुर सांसद अरुण सागर के नाम पर दो सिटीजन विजिट हैं। पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी के नाम पर एक व डा. संघमित्रा मौर्य के नाम पर सबसे अधिक 16 सिटीजन विजिट दर्ज हैं। (लोकसभा की वेबसाइट से प्राप्त ब्योरा के अनुसार)

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