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नहीं बना प्री-पेड टैक्सी स्टैंड, कटने लगी रु 30 की पर्ची

कुछ दिन पहले बरेली जंक्शन प्रांगण से जीआरपी ने ऑटो-टेंपो वालों को हटवाया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 09:00 AM (IST)
नहीं बना प्री-पेड टैक्सी स्टैंड, कटने लगी रु 30 की पर्ची

जागरण संवाददाता, बरेली : कुछ दिन पहले बरेली जंक्शन प्रांगण से जीआरपी ने ऑटो-टेंपो वालों को हटवाया था। आधार था, जंक्शन परिसर से बैठकर जाने वाली सवारी के साथ बाद में कोई वारदात होती है तो भी मामला जीआरपी के पास आता है। इससे निजात पाने के लिए प्री-पेड टैक्सी स्टैंड बनाने की बात हुई थी। ताकि चालकों और सवारियों का ब्योरा रेलवे के पास भी रहे। लेकिन कुछ दिन पहले स्टेशन प्रांगण में टेंपो स्टैंड का ठेका उठा और इसके बाद से हर ऑटो-टेंपो का रोजाना 30 रुपये की पर्ची का रेट तय हो गया। तीन महीने के लिए 91 हजार का ठेका

जंक्शन प्रांगण में स्टैंड के लिए तीन महीने का ठेका करीब 91 हजार रुपये में उठा है। इसमें ऑटो-टेंपो और ई-रिक्शा की संख्या करीब सौ बताते हुए हर महीने 1010 रुपये, टैक्सी की संख्या दस बता हर महीने 2030 रुपये और 20 रिक्शे बताते हुए हर महीने 150 रुपये किराया तय किया गया है। कई स्टेशनों के स्टैंड पर कम किराया

बरेली जंक्शन पर शुरू हुए स्टैंड के ठेके को लेकर ऑटो-टेंपो यूनियन वाले खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि रेलवे के अधिकारी बता रहे हैं कि ठेका उठ चुका है। लेकिन इस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं लगी है। वहीं, किराया भी बेहिसाब रखा है। जबकि कई स्टेशनों पर स्टैंड का किराया इससे कम है। बेतरतीब और अवैध बता ऑटो यूनियन उग्र

ऑटो रिक्शा, टेंपो चालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह ने बताया कि जंक्शन पर स्टेशन अधीक्षक, जीआरपी और दबंग लगातार शोषण कर रहे हैं। विरोध करने पर मारपीट होती है। शनिवार को डीएम न होने के चलते नहीं मिल सके। उन्होंने जल्द डीएम को ज्ञापन देने की घोषणा की है।


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