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New Education Policy : अब दस वर्ष का अनुभव रखने वाले डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर बन सकेंगे गाइड, छात्रों को करा सकेंगे पीएचडी

New Education Policy News नई शिक्षा नीति के तहत अब दस वर्ष का अनुभव रखने वाले प्रोफसर्स को अपने अंडर में छात्रों को पीएचडी कराने का अवसर मिलेगा। इससे पहले स्नातक स्तर के प्रोफेसरों को पीएचडी के छात्राें को गाइड करने का अधिकार नहीं था।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 06:45 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:45 AM (IST)
New Education Policy : अब दस वर्ष का अनुभव रखने वाले डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर बन सकेंगे गाइड

बरेली, जेएनएन। New Education Policy News : नई शिक्षा नीति के तहत अब दस वर्ष का अनुभव रखने वाले प्रोफसर्स को अपने अंडर में छात्रों को पीएचडी कराने का अवसर मिलेगा। इससे पहले स्नातक स्तर के प्रोफेसरों को पीएचडी के छात्राें को गाइड करने का अधिकार नहीं था। लेकिन, अब यह नई शिक्षा नीति के तहत संभव हो सकेगा। वहीं विद्यार्थी स्नातक पास करते ही पीएचडी की पढ़ाई कर सकेंगे।

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शोध की ओर छात्रों की रुचि बढ़ाने और स्नातक के प्रोफेसरों को पीएचडी के लिए गाइड करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की जा रही है। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि काफी समय से इसके लिए विश्वविद्यालयों की ओर से प्रयास किया जा रहा था। इस बाबत दो बार विश्वविद्यालय की ओर से पत्र भी जारी किए गए थे। बताया कि दस वर्ष पुराने वे डिग्री कालेज जहां पर पीजी पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हों और वह प्रोफेसर्स जो स्थाई हों साथ ही उनके जर्नल प्रकाशित हुए हों, उन्हें पीएचडी कराने का मौका मिलेगा।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा के दौरान डिग्री कालेजों की सीटें भी शामिल कर ली जाएंगी। पीएचडी से पहले छह महीने का कोर्स वर्क भी विश्वविद्यालय में होगा। कोर्स वर्क पास करने वालों छात्रों के गाइड के तौर पर डिग्री कालेजों के शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के तहत यह निर्णय लिया गया है। वहीं डिग्री कालेज के प्रोफेसर्स की ओर से भी कई बार पीएचडी कराने की मांग उठाई जा रही थी। जो अब पूरी होगी। साथ ही इससे शोध को बढ़ावा मिलेगा। प्रो. केपी सिंह, कुलपति, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय


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