Video Viral : निदा और फरहत को तीन दिन में भारत से भगाने की धमकी दे रहा चोटी कटवा मोईन Bareilly News
अप्रैल में भी एक ऑडियो वायरल हुआ था कि मोईन व फरहत के बीच बातचीत होने की बात कही गई। जिसमें मोईन फरहत की तरफदारी करता सुनाई दे रहा। बातचीत के अंश -
बरेली, जेएनएन : पिछले साल बीस जुलाई को निदा खान और फरहत नकवी की चोटी काटने या पत्थर मारकर देश से निकालने पर 11,786 रुपये का इनाम रखने वाले ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना काउंसिल के अध्यक्ष मोईन सिद्दीकी नूरी का एक और धमकी भरा वीडियो सामने आया है। इसमें वह शियाओं को आतंकवादी ठहराते हुए फरहत नकवी और निदा खान को तीन दिन में भारत से भगाने का दावा करते सुना जा रहा है। चोटी काटने की धमकी के बाद मोईन के विरुद्ध निदा खान ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बावजूद वह खुला घूम रहा।
वीडियो में मोईन कह रहा कि कौन उलमा कहता है कि शिया मुसलमान होते हैं, ग्यारह सौ हिजरी में हजरत इमाम हुसैन को शहीद करने वाले शिया और यहूदी ही थे। उसी तारीख से कुरान में लिखा है कि सारे शियाओं को इस्लाम से खारिज कर दिया गया। फरहत नकवी ही नहीं पूरा शिया समुदाय मुसलमान नहीं है। इस दावे को मैं कुरान व हदीस से साबित करूंगा।
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वह यहीं नहीं रुका। उसने शियाओं को आतंकवादी और संविधान विरोधी ठहराया। बोला कि यही काम निदा खान भी कर रही हैं। अब हमारा संगठन चैन से नहीं बैठेगा। तीन दिन के अंदर इन्हें भारत से भगा देंगे। दरअसल, निदा खान और फरहत नकवी तीन तलाक पीड़िताओं की आवाज उठा रहीं। मोईन को यह नागवार गुजर रहा।
अप्रैल में मोईन व निदा का ऑडियो हुआ था वायरल
अप्रैल में भी एक ऑडियो वायरल हुआ था कि मोईन व फरहत के बीच बातचीत होने की बात कही गई। जिसमें मोईन फरहत की तरफदारी करता सुनाई दे रहा। बातचीत के अंश-
मोईन सिद्दीकी नूरी: बयान देख लिया आपने, वीडियो बगैरह मिल गई। कल मैंने प्रेस वार्ता की। मैंने कहा लाओ, इसे (निदा खान) खत्म करें, जड़ से उखाड़ फेंके।
फरहत नकवी : लेकिन आपने नाम नहीं खोला।
मोईन : एक अखबार ने खोला है। फरहत को छोड़ निदा के खिलाफ हुआ मोईन।
फरहत नकवी : अच्छा। आप बोलते बहुत अच्छा हैं। एक दम परफेक्ट बात करते हैं।
मोईन : इंशाअल्लाह आपको मंत्री बनना है। बहन, बयान में थोड़ा काट छांट दिया करो। आज मुझे लगा ...लो मेरी बहन ही मुझे अंदर कराने की कोशिश में लगी हैं।
फरहत नकवी : नहीं, बयान मैंने नहीं दिया। मगर अभी इतना होने दीजिए। समझा कीजिए आप।
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ऐसे बयानों से आ रही राजनीतिक साजिश की बू
मोईन सिद्दीकी नूरी ने जुलाई 2018 में कथित फतवे का रूप देते हुए प्रेस नोट जारी किया था। बरेली कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रो. नीलम गुप्ता का मानना है कि ऐसा शोहरत पाने के लिए किया जा रहा है। मोईन के निजी हित के साथ जरूर किसी और का हित जुड़ा है, जो यह सब करा रहा है। इसका समाज पर विपरीत असर पड़ता है।
मोईन ने मेरे साथ कथित बातचीत के ऑडियो कैसे बनाए, मैं नहीं जानती। उसे छोड़िए। शिया को काफिर होने की टिप्पणी कर वह सुर्खियां पाना चाहता है। मोईन में हिम्मत है तो मुङो तीन दिन में देश से निकालकर दिखाए। दूसरा, प्रशासन की इसमें सबसे बड़ी लापरवाही है। उसके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हुए लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब ऐसा हुआ तो मेरा हक फाउंडेशन की 50-60 महिलाएं उसे खींचकर पुलिस के पास खुद लेकर जाएंगी। -फरहत नकवी, अध्यक्ष मेरा हक फाउंडेशन
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कुछ लोग तुच्छ राजनीति कर सुर्खियों में बने रहने के लिए मेरा नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। यह साजिश है। पुलिस मोईन को पकड़े। उससे पूछे समाज में वैमनस्य फैलाने वाले वीडियो-बयान किसके इशारे पर दे रहा है। पुलिस-प्रशासन तमाशा देख रहा है। मुझे या मेरे परिवार को कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। -निदा खान, अध्यक्ष आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी
शरई मामलात क्या हैं। यह उलमा-ए-कराम समझते और जानते हैं। लिहाजा शरीयत का हवाला देते हुए गलतबयानी करने वाले लोगों के बयान को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। चंद खुराफाती लोग समाज में नफरत फैलाने के लिए ऐसी बातें बोलते हैं, जो आज के दौर में कानूनन अपराध हैं। -मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, महासचिव तंजीम उलमा-ए-इस्लाम