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बांदा के मेडिकल कॉलेज को मिली आरएनए एस्ट्रेक्टर मशीन, बढ़ेगा जांच का दायरा

जागरण संवाददाता बांदा तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को लेकर प्रशासन की ओर से जांच में भी ते

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:41 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 10:41 PM (IST)
बांदा के मेडिकल कॉलेज को मिली आरएनए एस्ट्रेक्टर मशीन, बढ़ेगा जांच का दायरा

जागरण संवाददाता, बांदा : तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को लेकर प्रशासन की ओर से जांच में भी तेजी लाई जा रही है। इसके लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में करीब 15 लाख लागत की आटोमैटिक आरएनए एस्ट्रेक्टर मशीन उपलब्ध कराई गई है। इससे अब चार घंटे में आने वाली रिपोर्ट अब दो घंटे में ही मिल सकेगी। बांदा के अलावा चित्रकूट जनपद की भी जांचों की रिपोर्ट आसानी से तैयार हो सकेगी।

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राजकीय मेडिकल कॉलेज के बीएसएल टू लैब में अभी रोजाना करीब 13 सौ कोरोना जांचे की जा रही हैं। आरटीपीसीआर मशीन में मैनुवल जांच करने पर करीब तीन से चार घंटे का समय लगता है। जिले में अभी तक 3192 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। शासन की ओर से जांचों में और तेजी लाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में ऑटोमेटिक आरएनए एस्ट्रेक्टर मशीन लगवाने में जोर दिया जा रहा है। आजमगढ़ से मशीन राजकीय मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध कराई गई है। मशीन के संचालित होने से अब सैंपल का आरएनए निकाल कर जांचे की जाएंगीं। इससे दो घंटे के अंदर ही जांच पूरी हो जाएगी। मेडिकल कॉलेज को मशीन से रोजाना दो हजार जांच करने का लक्ष्य दिया गया है। मशीन के उपलब्ध होने से जहां अब जांच के कार्यों में गति दिखाई पड़ेगी वहीं अन्य जनपदों को भी कम समय में जांच की रिपोर्ट मिल सकेगी। उन्हें जांच रिपोर्ट आने का ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। चिकित्सकों को संक्रमित मरीजों का समय पर उपचार करने में आसानी होगी।

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मशीन में जांच करने से संबंधित उपकरण मंगवाए गए हैं। इससे मशीन के संचालित होने में पांच से छह दिन का अभी समय लग सकता है। शुरू में बांदा व चित्रकूट जिले के सैंपलों की जांच की जानी है। बाद में महोबा व हमीरपुर जनपदों के सैंपल भी शामिल किए जाएंगे।

- डॉ. मुकेश यादव राजकीय मेडिकल कॉलेज

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मशीन से यह रहती है जांच की प्रक्रिया

- संदेह वाले मरीजों के सैंपल का पहले आटोमैटिक आरएनए एस्ट्रेक्टर मशीन से आरएनए निकाला जाता है। इसके बाद उसे मशीन में जांच के लिए लगाते हैं। इससे कम समय में ही जांच की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। मशीन से सैंपल का वायरस लोड देखा जाता है। जिससे संक्रमण की रीडिग पता चलती है। मरीज पॉजिटिव है या फिर निगेटिव इसका निर्धारण होता है।

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जांचों से संबंधित जानकारी एक नजर में

जनपद में कोरोना संक्रमित - 3192

बिना आटोमेटिक मशीन के हो रही जांच - रोजाना करीब 13 सौ

आटोमेटिक मशीन की लागत - 15 लाख

- मैनुवल जांच की अवधि - करीब चार घंटे

- आटोमेटिक मशीन से जांच का लक्ष्य - रोजाना दो हजार

- आटोमेटिक मशीन से समय - महज दो घंटे


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