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दूल्हे ने कहा, भगवान के दर्शन के बाद कोई शिकायत नहीं

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव भगवतीपुर में अनुसूचित जाति के नवदंपती को मंदिर में ताला डालकर प्रवेश से रोकने के मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर अनुसूचित जाति के लोगों में आक्रोश है। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद नवदंपती को मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश मिल गया था। दूसरी ओर दूल्हे ने कहा है हमें भगवान का दर्शन मिल गया अब हमें कोई शिकायत नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 12:20 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 12:20 AM (IST)
दूल्हे ने कहा, भगवान के दर्शन के बाद कोई शिकायत नहीं

संसू, सिलहरी (बदायूं) : सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव भगवतीपुर में अनुसूचित जाति के नवदंपती को मंदिर में ताला डालकर प्रवेश से रोकने के मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर अनुसूचित जाति के लोगों में आक्रोश है। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद नवदंपती को मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश मिल गया था। दूसरी ओर दूल्हे ने कहा है, 'हमें भगवान का दर्शन मिल गया, अब हमें कोई शिकायत नहीं है।'

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गांव निवासी सोनू की शादी मूसाझाग इलाके के गांव मौसमपुर से हुई थी। शुक्रवार को दुल्हन को विदा कराकर बरात वापस घर आई तो परंपरा और मान्यता के चलते गांव देवता के मंदिर में वर-वधू पूजा अर्चना करने गए। आरोप है कि इसकी भनक लगने के बाद गांव में दबंग प्रवृति के कुछ लोगों ने मंदिर में ताला डाल दिया। वर-वधू के साथ परिवार और रिश्तेदारी की तमाम महिलाएं वहां पहुंचीं तो मंदिर में ताला देखकर सभी हैरत में पड़ गए। काफी देर तक वर-वधू मंदिर के बाहर खड़े रहे। आरोप है कि वर-वधू के साथ आए लोगों ने गांव में वजह पूछी तो कहा गया कि अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर में नहीं जाने देंगे। सोनू का कहना है कि प्रतिवाद करने पर उन्हें खरी-खोटी सुनाई गई। हालांकि सोनू ने गांव के किसी व्यक्ति का नाम लेने से मना कर दिया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। यूपी 112 मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचने पर ताला खोल दिया गया। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में पूजा अर्चना कराकर उन लोगों को शांत किया। उधर दूल्हे के गांव के लोगों में इस मामले को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि पुलिस को दोषी लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। डॉ.भीमराव आंबेडकर युवा संघ के संस्थापक राजा बाबू ने कहा है कि भगवतीपुर गांव में अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर में पूजा-अर्चना करने से रोकना अनुचित है। इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर ग्राम प्रधान आशीष पटेल का कहना है कि मंदिर सभी के लिए है, किसी के लिए कोई रोक-टोक नहीं है।

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इस तरह की कोई जानकारी हमे नहीं है। न ही इस संबंध में कोई तहरीर आई है। शिकायत आने पर ही कुछ बता पाएंगे।

- ओपी गौतम, एसएचओ सिविल लाइंस


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