Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर के मॉडल पर बनेगा नया डाकघर भवन, रेल मंत्री के निर्देश पर रूपरेखा तैयार
Ayodhya रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देश पर इस योजना की रूपरेखा तैयार की गई है। अयोध्या धाम के डाकघर का लेआउट बन कर तैयार हो चुका है जो देखने में काफी सुंदर है। यह लेआउट उसी म्यूरल एज ने बनाया है जिसने अयोध्या धाम जंक्शन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का मॉडल तैयार किया था।
रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। राम नगरी के बेगमपुरा में डाकघर के नए भवन का निर्माण कराया जाएगा। डाकघर का भवन मंदिर के मॉडल पर विकसित किया जाएगा। रामनगरी में यह तीसरा सरकारी प्रतिष्ठान होगा, जो मंदिर मॉडल के रूप में विकसित होगा। इससे पहले अयोध्या धाम जंक्शन और एयरपोर्ट मंदिर मॉडल पर बनाया गया है।
रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देश पर इस योजना की रूपरेखा तैयार की गई है। अयोध्या धाम के डाकघर का लेआउट बन कर तैयार हो चुका है, जो देखने में काफी सुंदर है। यह लेआउट उसी म्यूरल एज ने बनाया है, जिसने अयोध्या धाम जंक्शन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का मॉडल तैयार किया था।
प्रस्तावित किया गया है संग्रहालय
अयोध्या डाकघर भवन के एक भाग में संग्रहालय प्रस्तावित किया गया है। इस संग्रहालय में भारतीय डाक टिकटों का संग्रह होगा। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु और भावी पीढ़ी डाक के इतिहास से अवगत हो सके। इस म्यूजियम में भगवान राम पर जारी किए गए डाक टिकटों की भी श्रृंखला भी देखने को मिलेगी।
डाकघर लेआउट और योजना को मिली मंजूरी
डाकघर लेआउट और योजना दोनों को आचार संहिता लागू होने से पूर्व स्वीकृति मिल गई है। योजना 18 करोड़ रुपये की है। डाक विभाग की इस योजना को रेलवे मूर्त रूप प्रदान करेगा। इसे आकर देने की जिम्मेदारी रेलवे के उप मुख्य अभियंता ऋषि यादव को दी गई है। क्रियान्वयन को लेकर पत्र भी रेलवे के पास पहुंच गया है। जल्द ही रेलवे के अभियंता और डाक विभाग के अधिकारियों का संयुक्त दल सर्वे शुरू करेगा।
आर्किटेक्ट नमित अग्रवाल ने बनाई है अनुकृति
लखनऊ की संस्था म्यूरल एज के आर्किटेक्ट नमित अग्रवाल ने डाकघर की भव्य अनुकृति बनाई है। यह भवन 1250 वर्ग मीटर में बनेगा, जिसमें बेसमेंट के अतिरिक्त भूतल और प्रथम तल होगा। भूतल पर कार्यालय और म्यूजियम प्रस्तावित किया गया है, जबकि प्रथम तल पर अधिकारियों के लिए सुसज्जित विश्राम कक्ष होंगे। यह पूरा भवन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। मंदिर की भांति भवन को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए इसके शीर्ष पर चार पिरामिड और एक मुख्य शिखर होगा।
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