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राम मंदिर निर्माण के बीच इस व्यापारी की चमकी किस्मत, तीन घंटे में कर लेते हैं हजारों की कमाई.. करते हैं ये काम

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। देश-विदेश से नित्य औसतन एक लाख भक्त दर्शन को आ रहे हैं। इस वजह से यहां विविध आयामों में बड़ी संख्या में रोजगार विकसित हुआ है। आस्था के साथ नगरी की पहचान रोजगार सृजन के नये केंद्र के रूप में होने लगी है। 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Mon, 20 May 2024 11:56 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2024 11:56 PM (IST)
राम मंदिर निर्माण के बीच इस व्यापारी की चमकी किस्मत

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। देश-विदेश से नित्य औसतन एक लाख भक्त दर्शन को आ रहे हैं। इस वजह से यहां विविध आयामों में बड़ी संख्या में रोजगार विकसित हुआ है। आस्था के साथ नगरी की पहचान रोजगार सृजन के नये केंद्र के रूप में होने लगी है। 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। 

आसपास के जिलों की आर्थिकी मजबूत

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने उदाहरण देते हुए बताया कि सरयू माता की आरती काे ही लीजिए, यहां शाम को बड़ी संख्या में नित्य नावें बुक होती है। नाविकों का कारोबार बढ़ा है। 

यातायात, जलपान, भोजनालय, होटल, होस्ट रोजगार के नए-नए केंद्र सृजित हुए हैं। इससे संबंधित व्यवस्थाओं में हजारों लोगों काे रोजगार मिला है। बताते हैं कि आसपास के जिलों में भी पर्यटक रात्रि निवास कर सुबह रामलला का दर्शन करने आते हैं। इससे आसपास के जिलों की आर्थिकी मजबूत हो रही है।

उधर यहां रामलला के चित्र, प्रसाद, मंदिर माडल, फूल-माला विक्रेता बढ़े हैं। एक हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत हुए हैं। होटल उद्योग की क्रांति आई है। छोटे-छोटे सैकड़ों होटल और गेस्ट हाउस सहित दर्जन भर राष्ट्रीय ख्याति के होटल समूहों की स्थानीय इकाइयां स्थापित हो रही हैं। इनके निर्माण में बड़ी संख्या में श्रमिक लगे हैं। 

भगवान राम के चित्र से हजारों की आय

होटलों में लगने वाली एसी, गीजर, विद्युत उपकरण, फर्नीचर और कुशल श्रमिकों, गद़्दे, बेड सीट की जरूरत के साथ संपूर्ण बाजार उत्साहित है। ये रोजगार के प्रमुख कारक हैं। पांच हजार ई-रिक्शा संचालक हैं। भगवान राम के चित्र बिक्री की आपूर्ति दिल्ली, गुजरात, फैजाबाद सभी अन्य क्षेत्र के कामगार कर रहे हैं। नगरी के अधिकांश दुकानदार इस व्यापार में लगे है। 

मथुरा के व्यापारी उमानाथ गुप्ता रामपथ पर मंदिर मॉडल के प्रिंटेड कपड़े, चित्र की बिक्री करते हैं। बताते हैं कि नित्य बिक्री हजारों में हैं। 

तीन घंटे में बेचते हैं तीन सौ प्लेट पोहा

छोटी देवकाली पर सुबह पोहा की बिक्री करने वाले कन्नौज के रमेश बताते हैं कि हम दस लोग आए हैं। तीन स्थलों पर पोहा बिक्री होती है। तीन घंटे में तीन सौ प्लेट पोहा बेंच लेते हैं। इसी तरह भक्तिपथ, धर्मपथ पर नाश्ते की कई नई दुकानें हैं। बनारसी कचौड़ी अयोध्या में सुलभ है। 

गेस्ट हाउस का संचालक पूर्व पार्षद आलोक सिंह बताते हैं कि इस कारोबार में एक प्रबंधक, चौकीदार, साफ सफाई करने वालों की जरूरत है। एक हजार होस्टे में दो-तीन हजार लोगों को रोजगार मिला है। 

इस व्यापार से जुड़े अविनाश सिंह बताते हैं कि होम स्टे में भोजन की आपूर्ति का नया व्यापार भी प्रारंभ हैं। ये लोग आनडिमांड आनस्पाट भोजन सुलभ कराते हैं। एयरपोर्ट निर्माण से टैक्सी संचालन का भी रोजगार बढ़ा है। सौ टैक्सी वाले नित्य वहां यात्री तलाशते देखे जाते हैं।

मंदिर में पांच हजार से अधिक वेतनभोगी 

अकेले मंदिर निर्माण व संचालन की व्यवस्था में तीन से चार हजार अधिकारी व श्रमिक हैं। इसके अलावा मंदिर संचालन की व्यवस्था में एक हजार लोग वेतनभोगी हैं, ये सभी सुरक्षा, साफ-सफाई, यात्री सेवा केंद्र के संचालन, व्हील चेयर संचालन, पास बुकिंग काउंटर आदि व्यवस्था में कार्यरत हैं।


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