Move to Jagran APP

केंद्र प्रभारी की मनमानी, बिचौलियों से की जा रही खरीद

मंगलवार को फूला स्थित साधन सहकारी समिति पर मौजूद किसानों ने दर्द बयां करते हुए केंद्र प्रभारी पर आरोप लगाए। वह कहीं से भी सुखद नहीं है। किसान राजकरन सिंह ने क्रय केंद्र प्रभारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि यहां बिचौलियों और व्यापारियों का गेहूं खरीदा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 12:09 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 12:09 AM (IST)
केंद्र प्रभारी की मनमानी, बिचौलियों से की जा रही खरीद

अमेठी : गेहूं खरीद केंद्रों पर मनमानी हावी है। क्रय केंद्र पर बिचौलियों से गेहूं खरीद की जा रही है। इस कारण उपज न बेच पाने से अन्नदाता परेशान हैं।

क्षेत्र के फूला, सिंहपुर, टेढई सातनपुरवा व इन्हौना सहित पांच स्थानों पर किसानों की सुविधाओं के लिए गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं। इतने खरीद केंद्र होने के बाद भी किसान अपने खेतों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए परेशान हैं। इसका एकमात्र कारण बिचौलियों और खरीद केंद्र प्रभारियों के बीच सांठगांठ है। इनकी जुगलबंदी के चलते किसानों का गेहूं बिक पाने में मुश्किल हो रही है। मंगलवार को फूला स्थित साधन सहकारी समिति पर मौजूद किसानों ने दर्द बयां करते हुए केंद्र प्रभारी पर आरोप लगाए। वह कहीं से भी सुखद नहीं है। किसान राजकरन सिंह ने क्रय केंद्र प्रभारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि यहां बिचौलियों और व्यापारियों का गेहूं खरीदा जा रहा है। तौल के समय प्रति कुंतल पांच किलोग्राम गेहूं की कटौती केंद्र प्रभारी द्वारा की जा रही है।

बेटा करता है खरीद : फूला क्रय केंद्र पर प्रभारी के बजाय उनके बेटे द्वारा खरीद की जा रही है। किसानों ने बताया कि खरीद के अधिकांश दिनों में केंद्र प्रभारी गायब रहते हैं। उनके बेटे द्वारा खरीद की जाती है। मंगलवार को प्रभारी की मौजूदगी में उनका बेटा केंद्र पर किसानों से बहस करता नजर आया।

ऐसे होती है बिचौलियों से खरीद : क्रय केंद्र प्रभारियों और बिचौलियों के बीच सांठगांठ नई नहीं है। इनकी जुगलबंदी जग जाहिर है। जिम्मेदार भी यह सब कुछ जानते हुए आंख मूंदे रहते हैं। जिसके चलते बिचौलिए किसानों से मनमाने दाम पर उनकी उपज खरीद लेते हैं। इसके बाद अपने चहेते लोगों की खतौनी के सहारे पंजीकरण कराने के बाद केंद्र पर गेहूं बेचने का खेल शुरू होता है। सूत्रों की माने तो इसके एवज में प्रभारी और बिचौलियों के मध्य 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल सुविधा शुल्क भी तय होती है। इस संबंध में एसडीएम योगेंद्र सिंह का कहना है कि अगर शिकायत मिली तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.