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माघ मेला की तैयारी में गंगा का बढ़ा जलस्तर बन रहा बाधक, कटान से भी बड़ी समस्या

Magh Mela मेला की तैयारी पर बैठक में डीएम ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को कटान रोकने के लिए कहा था। इसके बावजूद कटान नहीं रुका। कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग की ओर से पहले ही टेंडर हो चुका है लेकिन कटान अधिक हो रहा है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 12:02 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 12:02 PM (IST)
फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.57 मीटर, सिंचाई विभाग नहीं रोक पा रहा गंगा का कटान

प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला नजदीक है और गंगा का जलस्तर कम नहीं हो रहा है। पिछले कई दिनों में गंगा में 20 से 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बुधवार को भी 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी संगम में आकर मेला की तैयारी में बाधक बन रहा है। बढ़े जलस्तर के चलते गंगा के दोनों किनारों पर कटान हो रहा है। कटान तेज है, इसलिए सिंचाई विभाग उसे रोक भी नहीं पा रहा है।

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गंगा की कटान बनी है बड़ी समस्या

माघ मेले के दौरान गंगा का जलस्तर 77 मीटर या इससे कम होना चाहिए। लेकिन पिछले कई दिनों यहां पर जलस्तर 77 मीटर से ऊपर चल रहा है। बुधवार को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.57 मीटर था। जलस्तर बढ़ा हुआ है इसलिए पानी बहाव तेज है और संगम के आसपास कटान हो रहा है। अब तक मेला क्षेत्र में सेक्टर दो, तीन और चार की तरफ काफी जमीन कट चुकी है। इस कटान के चलते संगम के निकट बसाई जाने वाली कई बड़ी संस्थाओं की जमीन कट चुकी है। अब उनको दूर बयाया जाएगा। फिलहाल उस कटान को रोकने के लिए मेला प्रशासन के सामने संकट है। मेला की तैयारियों को लेकर डीएम संजय कुमार खत्री ने बैठक ली थी। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को कटान रोकने के लिए कहा था। इसके बावजूद कटान नहीं रुका। कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग की ओर से पहले ही टेंडर हो चुका है। लेकिन कटान अधिक हो रहा है, इसलिए विभाग के अफसर पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं।

पांटून पुल न बनने से प्रभावित हो रहा मेला का काम

माघ मेला की तैयारियों में पीपा पुल अहम होता है। लेकिन अब तक एक भी पुल तैयार नहीं हुआ है। 20 दिसंबर के पहले महावीर और त्रिवेणी मार्ग के पुल को तैयार करने का निर्देश दिया गया था लेकिन अभी तक एक भी पुल का आधा काम भी नहीं हो पाया है। पुल नंबर एक में बुधवार को लगभग 60 पीपा जोड़ा गया था। वहीं त्रिवेणी पुल के लिए लगभग 40 से 60 पीपा ही जोड़ा गया। अन्य पुलों पर अभी तक शुरुआत भी नहीं हुई है। जबकि 31 दिसंबर तक पीडब्ल्यूडी को पूरा काम समाप्त करना है। माघ मेला के लिए इस बार पांच पुल माघ मेला क्षेत्र में तैयार किया जाना है। माघ मेला के काम में तेजी लाने के लिए मंडलायुक्त ने भी कई बार निर्देश दिया है। लेकिन विभागीय अधिकारियों पर आदेश का मानों कोई असर नहीं दिख रहा है।

दो पुल होंगे सबसे लंबे

- महावीर और त्रिवेणी पुल सबसे माघ मेला में सबसे लंबा पुल होगा। इसमें लगलग 140 से 160 पीपा लगने का अनुमान लगाया जा रहा है। मेला क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी 80 किलोमीटर की चकर्ड प्लेट बिछाएगा। अभी तक महज पांच किलो मीटर के दायरे में ही चकर्ड प्लेट बिछाया गया है।

यह होंगे पीपे के पुल

महावीर मार्ग, त्रिवेणी मार्ग, काली सड़क, गंगोली शिवाला, ओल्ड जीटी और फाफामऊ में दो पीपा पुल

मेला अधिकारी का है कहना

कटान के चलते मेला का काम प्रभावित हो रहा है। जमीन कम हो गई है। संस्थाओं को आवंटन के समय से समस्या आएगी। कई संस्थाओं को दूसरे जगह जमीन आवंटित करनी पड़ेगी। कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को कहा गया है। लेकिन उनका कुछ काम नहीं दिख रहा है। मेला क्षेत्र के समतलीकरण का काम तेजी से चल रहा है। इस काम के लिए तीन दर्जन ट्रैक्टर और कई जेसीबी लगा दी गई है। मेला को निर्धारित समय तक बसाने के लिए काम किया जा रहा है।

- शेषमणि पांडेय, मेला अधिकारी


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