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एचओजी के जरिए रेलवे हर साल बचाएगा छह करोड़ रुपये Prayagraj News

ट्रेनों में पॉवर कार नहीं अब इंजन से कोच में बिजली की सप्लाई होगी। पॉवर कार चलाने में रोजाना पांच हजार लीटर डीजल खर्च होता था। एचओजी के जरिए प्रतिवर्ष छह करोड़ रुपये बचाया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 04:28 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 04:28 PM (IST)
एचओजी के जरिए रेलवे हर साल बचाएगा छह करोड़ रुपये Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद मंडल से चलने वाली कई ट्रेनों में अब पॉवर कार का इस्तेमाल नहीं होगा। पॉवर कार से ट्रेन के कोच में बिजली की सप्लाई होती थी और इससे एसी चलती थी। अब कोच में इंजन से ही बिजली की सप्लाई होने लगी है जिससे रोजाना खर्च होने वाला पांच हजार डीजल बचेगा। इस बदलाव से इलाहाबाद मंडल को हर साल छह करोड़ रुपये की बचत होगी।

एचओजी तकनीक से कोच में बिजली की सप्लाई इंजन से ही की जा रही

इलाहाबाद मंडल से संचालित प्रयागराज एक्सप्रेस, श्रमशक्ति, हमसफर, इलाहाबाद-उधमपुर, कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों में एलएचबी कोच लगे हैं। इन ट्रेनों में एसी चलाने और कोच में बिजली सप्लाई के लिए पॉवर कार लगाए गए थे। इसके लिए कुल 14 पॉवर कार लगाए गए थे। इन पर रोजाना पांच हजार लीटर डीजल खर्च होता था। अब इसे हटाकर एचओजी (हीट आन जनरेशन) तकनीक को अपनाया जा रहा है। इस तकनीक के तहत इंजन से ही कोच में बिजली की सप्लाई की जाने लगी है। इसके लिए इंजन में कुछ बदलाव किया गया है। इंजन में ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) से बिजली मिलती है। उसी को कनवर्ट करके कोच में बिजली सप्लाई की जाएगी।

बोले रेलवे इलाहाबाद मंडल के पीआरओ

रेलवे के पीआरओ सुनील गुप्ता ने बताया कि पॉवर कार चलाने के लिए हर महीने 50 लाख रुपये यानि हर साल छह करोड़ का डीजल खर्च होता था। एचओजी तकनीक अपनाने से रेलवे को हर साल छह करोड़ की बचत होगी।

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