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Prayagraj: काशी-तमिल संगमम के माध्‍यम से उत्तर और दक्षिण की खाई पाटेंगे भाजपाई, जत्‍थों में आए संगम नगरी

काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम के तहत 12 जत्थे आएंगे। पहले दल में विद्यार्थी दूसरे में कलाकार तीसरे में साहित्यकार चौथे में साधु संत पांचवें में व्यवसायी छठवें में शिक्षक सातवें समूह में पुरातात्विक महत्व की समझ रखने वाले लोग शामिल होंगे। पहले जत्‍थे का प्रयागराज में स्‍वागत हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaPublished: Sat, 19 Nov 2022 08:22 AM (IST)Updated: Sat, 19 Nov 2022 08:22 AM (IST)
जत्थे में शामिल सदस्य 21 नवंबर को प्रयागराज भ्रमण पर आएंगे। यहां से अयोध्या के लिए रवाना होंगे।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्तर भारत और दक्षिण भारत के लोगों के बीच अच्छे संबंध के लिए काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया गया है। 17 दिसंबर तक तीर्थयात्री तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से अलग-अलग जत्थों में आएगे। वे काशी जाकर सनातनी विरासत को देखेंगे। बाबा विश्वनाथ के पूजन दर्शन भी करेंगे। उसके बाद तीर्थराज प्रयाग में संगम स्नान, लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन, अमरशहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क के इतिहास को जानने के साथ भ्रमण भी करेंगे।

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पहला जत्‍था पहुंचा संगम नगरी, भ्रमण व पूजन कर अयोध्‍या जाएंगे : स्वामी नारायण मंदिर में दर्शन व प्रसाद ग्रहण कर अयोध्या के लिए रवाना हो जाएंगे। शुक्रवार की रात पहला जत्था काशी पहुंच गया है। इससे पहले 10:10 बजे प्रयागराज जंक्शन पर भाजपाइयों ने उनका भव्य स्वागत किया। भाजपा महानगर इकाई के अध्यक्ष गणेश केसरवानी के साथ गंगापार, यमुनापार के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने यात्रा में शामिल लोगों को माला फूल पहनाने के साथ टीका लगाकर ढोल ताशा के साथ स्वागत किया। कुछ देर ठहरने के बाद सभी लोग काशी के लिए रवाना हो गए। स्वागत के लिए इस रेलवे और प्रशासन के भी अफसर मौजूद रहे।

21 नवंबर को प्रयागराज भ्रमण करेंगे : प्रवक्ता राजेश केसरवानी ने बताया कि इस जत्थे में शामिल सभी सदस्य 21 नवंबर को प्रयागराज भ्रमण पर आएंगे करीब चार घंटे विभिन्न स्थलों को देखने के बाद अयोध्या के लिए रवाना होंगे।

तीर्थयात्रियों के 12 जत्थे आएंगे : काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम के तहत 12 जत्थे आएंगे। पहले दल में विद्यार्थी, दूसरे में कलाकार, तीसरे में साहित्यकार, चौथे में साधु संत, पांचवें में व्यवसायी, छठवें में शिक्षक, सातवें समूह में पुरातात्विक महत्व की समझ रखने वाले लोग शामिल होंगे। आठवें दल में उद्यमी, नौवें में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे अपने अपने विषय के विशेषज्ञ, 10वें दल में मंदिरों के पुजारी, 11वें दल में सामान्य ग्रामीण और किसान रहेंगे जबकि 12वें दल में सांस्कृतिक कलाकार आएंगे। भाजपा प्रवक्ता दिलीप चतुर्वेदी ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है।


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