...तो इस कारण देश और दुनिया की राजनीति के केंद्र में रहा प्रयागराज Prayagraj News
पीएम मोदी ने कुंभ में गंगा स्नान कर सफाई कर्मियों के पांव पखारे थे। संगम तट पर प्रदेश कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें अहम फैसले लिए गए थे। अक्षयवट के दर्शन लोगों को सुलभ हुए।
प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। तीर्थों का राजा प्रयाग (प्रयागराज) देश और दुनिया की राजनीति के केंद्र में रहा। कभी प्रदेश की राजधानी रहा प्रयागराज बीतने वाले साल में राजनैतिक ओज से चमक रहा है। इसने ही पं. जवाहर लाल नेहरू के रूप में देश को पहला प्रधानमंत्री दिया। यहां के लाल बहादुर शास्त्री और विश्वनाथ प्रताप सिंह भी प्रधानमंत्री बने। हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तर प्रदेश के तो उनके बेटे विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। इनकी पुत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भी इलाहाबाद की सांसद हैं। विश्वनाथ प्रताप सिंह भी मुख्यमंत्री बने थे। इविवि से पढ़े शंकरदयाल शर्मा राष्ट्रपति तो यहीं शिक्षा ग्रहण कर चंद्रशेखर भी देश के मुखिया बने।
प्रयागराज की भागीदारी देश और प्रदेश की कैबिनेट में रही है
हमेशा से ही प्रयागराज की भागीदारी देश और प्रदेश की कैबिनेट में रही है। मौजूदा समय में मुख्तार अब्बास नकवी केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैैं जबकि प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम हैैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह सरकार के प्रवक्ता होने के साथ प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैैं। नंदगोपाल गुप्त नंदी भी प्रदेश में कैबिनेट मंत्री हैैं।
... राजनैतिक क्षितिज पर छा गई संगम नगरी
2019 में प्रयागराज दुनिया के राजनैतिक क्षितिज पर छाई रही। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में गंगा स्नान करने के बाद स्वच्छाग्रहियों के पांव पखारकर समरसता का संदेश दिया जिसकी विश्व के कई बड़े नेताओं ने सराहना भी की थी। पीएम मोदी के इस कदम ने नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल मीडिया का ध्यान प्रयागराज की ओर आकर्षित किया था। पीएम मोदी की ही इच्छा शक्ति से लगभग साढ़े चार सौ साल बाद अक्षयवट के दर्शन आमजन के लिए सुलभ हो सके। लोकसभा चुनाव के पहले मोदी के प्रयागराज में इस कार्यक्रम से चुनावी माहौल बना था।
29 जनवरी को कुंभ में कैबिनेट पहली बार बैठी
इस वर्ष अहम यह रहा कि प्रदेश कैबिनेट की पहली बार संगमनगरी में बैठक हुई थी। कुंभ में 29 जनवरी को कैबिनेट बैठी थी, जिसमें प्रयागराज से मेरठ तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को सैैद्धांतिक सहमति बनी थी। इसके अलावा पौराणिक महत्व के भारद्वाज आश्रम, प्रयागराज-चित्रकूट मार्ग पर स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम के सौंदर्यीकरण, श्रृंगवेरपुर दाम के विकास के साथ सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी बनी ङ्क्षहदी फिल्म उरी को कर मुक्त करने समेत कई अहम फैसले हुए थे। इसके बाद सीएम योगी ने अपनी कैबिनेट के साथ पुण्य की डुबकी भी लगाई थी।
उप चुनाव में छिनी फूलपुर सीट पर भाजपा का कब्जा
लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर भाजपा ने डॉ.रीता बहुगुणा जोशी तथा केसरी देवी पटेल को उतारा था, दोनों ने ही विजय पताका फहराया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं केसरी देवी पटेल ने न सिर्फ चुनाव जीतीं बल्कि उन्होंने उप चुनाव में छिनी इस सीट को भाजपा की झोली में डाला। वर्ष 2017 के उप चुनाव में भाजपा की इस सीट पर सपा का कब्जा हो गया था। प्रयागराज की दोनों सीटों पर पहली बार महिला सांसद चुनीं गईं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने बेचा अपना बंगला
इसी साल पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने अपना बंगला बेच दिया। लगातार तीन बार इलाहाबाद संसदीय सीट से जीत का रिकॉर्ड बनाने वाले डॉ. जोशी वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद वाराणसी चले गए थे। वर्ष 2019 में उन्होंने टैगोर टाउन स्थित अपना बंगला आंगीरस को बेच दिया। अब वह दिल्ली में रहने लगे।
करवरिया बंधुओं को उम्रकैद
जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजनैतिक घराने को बड़ी क्षति पहुंची। पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया और पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया को पूर्व विधायक जवाहर यादव पंडित की हत्या में उम्र कैद की सजा हो गई। उदयभान की पत्नी नीलम करवरिया अभी मेजा से भाजपा की विधायक हैैं।
पुरखों की धरती पर सियासत गर्म करता रहा गांधी परिवार
कांग्रेस की साख प्रयागराज में मजबूत करने में गांधी परिवार हमेशा से दंभ भरता रहा है। यही वजह है कि अलविदा कहने को तैयार 2019 में गांधी परिवार से बीच बीच में कोई न कोई आता रहा। इससे सियासत को गर्माहट भी मिलती रही और ठंडे पड़ते कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा का भी अहसास होता रहा। कांग्रेस ने प्रयागराज की झोली में साल जाते जाते आराधना मिश्रा मोना को नई जिम्मेदारी दी। इसके अलावा आखिरी पड़ाव में गंगापार और महानगर को अध्यक्ष दिए। इस साल एक बार मां सोनिया के साथ राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा प्रयागराज पहुंचे। एक बार अकेले सोनिया भी आईं। वहीं सक्रिय राजनीति में आने के बाद प्रियंका वाड्रा एक बार फिर बेटे और बेटी के साथ स्वराज भवन पहुंचीं।
प्रियंका प्रयागराज से गंगा यात्रा में भी शामिल हुईं
प्रियंका वाड्रा मार्च 2019 में वह प्रयागराज से गंगा यात्रा में भी शामिल हुईं। यह यात्रा कांग्रेसियों के लिए साल का सबसे यादगार पल रहा। प्रदेश स्तर के नेता भी बीच बीच में कांग्रेसियों को गर्माहट देने के लिए आते रहे। प्रयागराज से अपना जुड़ाव दर्ज कराने के लिए प्रियंका वाड्रा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहीं। जब इविवि में छात्रसंघ बहाली का मामला गरमाया तो अपना समर्थन भी दिया था। छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव पर हुई कार्रवाई पर भी नाराजगी जताई थी। इससे छात्र राजनीति में उनकी चर्चा भी खूब हुई।