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यूपी पुलिस ने दबोचा 12 साल पुराना हिस्ट्रीशीटर, पंजाब में नाम बदलकर छिपा था… एक गलती से पकड़ा गया

दादों के नगला उदिया निवासी लड्डू उर्फ लड्डन पर दादों व कासगंज के सहावर सोरों के अलावा सिविल लाइन दादों थाने में हत्या जानलेवा हमला आर्म्स एक्ट के 16 मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2012 में कासगंज से पेशी पर लौटने के दौरान लड्डू कठपुला पुल से कूदकर भाग गया था। आगरा एसटीएफ को लड्डू के अलीगढ़ में होने की जानकारी मिली थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Thu, 18 Apr 2024 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 09:05 PM (IST)
पुलिस के हत्थे चढ़ा 12 वर्ष से फरार लड्डू उर्फ लड्डन। सौ. पुलिस।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। आगरा एसटीएफ व सिविल लाइन पुलिस ने 12 वर्ष से फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी हिस्ट्रीशीटर को बुधवार देर रात दबोच लिया। वर्ष 2012 में आरोपी पुलिस हिरासत से भाग गया था। इसके बाद अलग-अलग स्थानों पर नाम बदलकर रहा। अलीगढ़ में वह अपनी बेटी से मिलने आया था, तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

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यह है पूरा मामला

दादों के नगला उदिया निवासी लड्डू उर्फ लड्डन पर दादों व कासगंज के सहावर, सोरों के अलावा सिविल लाइन, दादों थाने में हत्या, जानलेवा हमला, आर्म्स एक्ट के 16 मुकदमे दर्ज हैं। 

वर्ष 2012 में कासगंज से पेशी पर लौटने के दौरान लड्डू कठपुला पुल से कूदकर भाग गया था। आगरा एसटीएफ को लड्डू के अलीगढ़ में होने की जानकारी मिली थी। इस पर टीम यहां आई और सिविल लाइन पुलिस के साथ कार्रवाई की। 

एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि सिविल लाइन थाना प्रभारी राजीव कुमार व आगरा एसटीएफ के हुकुम सिंह की टीम ने किला रोड मन्नत तिराहे से लड्डू को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वर्ष 2004 में उसके विरुद्ध कासगंज के सहावर थाने में हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इसमें वह जेल गया था। वर्ष 2012 में उसे कासगंज में पेशी के लिए ले जाया गया। वहां से लौटते समय पुलिसकर्मी पनेठी से उसे ऑटो से छर्रा अड्डा लेकर आए। 

यहां से पैदल कठपुला पुल से जेल की तरफ ले जा रहे थे, तभी उसने पुल से नीचे रेलवे लाइन पर छलांग लगा दी और भाग गया। इसके बाद दिल्ली में अपने चाचा रामनरेश के घर पर करीब एक माह रहा। 

बाद में बल्लभगढ़ में बुलंदशहर निवासी राजू के पास कबाड़ी का काम किया। कुछ समय बदायूं में भी रहा। फिर दादों क्षेत्र के ककरौल निवासी सतीश के साथ जालंधर (पंजाब) चला गया। बच्चे भी वहीं बुला लिए और नाम बदलकर रहने लगा। वहां आइसक्रीम का ठेला लगाता था।

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