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आत्महत्या रोज होती हैं, ये अलग है!, विस्‍तार से जानिए मामला Aligarh News

अक्सर एटीएस व खुफिया एजेंसियों को ही रोहिंग्या के खिलाफ कार्रवाई करते देखा गया है। ऐसा लंबे समय बाद हुआ है जब थाना पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या को दबोचा हो। कोतवाली नगर और रोरावर पुलिस ने महिला व पुरुष को दबोचकर जेल भेजा है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Sat, 24 Jul 2021 10:19 AM (IST)
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थाना पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या को दबोचा हो।

अलीगढ़, जेएनएन। सिविल लाइन पुलिस तो पहले ही कई मामलों में उलझी थी कि सुसाइड ने नई परेशानी खड़ी कर दी। यूं तो जिले में रोज कोई न कोई जान देता है। लेकिन, इस बार कैंपस में बाहरी युवक ने आकर ऐसा किया और आरोप एक युवती पर है तो इसे सुलझाना पुलिस के लिए भी महत्वपूर्ण बन गया। अंदरखाने कहानी स्पष्ट है कि युवक का युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। विवाद हुआ और युवक ने जान दे दी। यह पहली बार नहीं हुआ है। अक्सर ऐसे तमाम केस हुए, जिनकी कहानी स्पष्ट हो गईं या वे फाइलों में दबकर धूल फांकते रहे। दूसरी तरफ युवती से जुड़े मामले में पुलिस भी संवेदनशीलता बरत रही है। लेकिन, कानून की बात करें तो आत्महत्या को उकसाने में गिरफ्तारी का प्रावधान है। अब मुकदमा दर्ज हुआ है तो देखना होगा कि इस मामले में पुलिस की जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है।

आखिर किसकी पनाह थी

अक्सर एटीएस व खुफिया एजेंसियों को ही रोहिंग्या के खिलाफ कार्रवाई करते देखा गया है। ऐसा लंबे समय बाद हुआ है, जब थाना पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या को दबोचा हो। कोतवाली नगर और रोरावर पुलिस ने महिला व पुरुष को दबोचकर जेल भेजा है। दोनों दलाल की मदद से भारत आए थे? और बिना पासपोर्ट के रहने लगे। लेकिन, यह फर्जीवाड़ा सिर्फ दो लोगों तक या अवैध रूप से रहने तक सीमित नहीं है। पिछली बार पकड़े गए रोहिंग्या के तार तस्करी से जुड़े थे। अगर खंगाला जाए तो कई ऐसे लोग और निकलेंगे, जो अवैध तरीके से धड़ल्ले से रह रहे हैं। कई के पास दस्तावेज तो हैं। लेकिन, फर्जी हैं। ऐसे में सभी का बारीकी से सत्यापन होना जरूरी है। पूरी चेन का पता लगाना चाहिए कि आखिर अलीगढ़ में ये लोग कैसे और किसकी पनाह पर इतने लंबे समय से रह रहे थे?

खाकी के बहुरे दिन, ''''विकास'''' की झड़ी

कोरोना काल हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मियों को हर वो काम करना पड़ता है, जिसके अधिकारियों से आदेश मिले हों। फिर चाहें सड़क पर खड़े होकर पानी की निकासी करवाने की बात ही क्यों न हो। इसके विपरीत पुलिसकर्मियों की मूलभूत सुविधाओं पर शायद ही कोई ध्यान देता है। लेकिन, इस बार मानो पुलिस के दिन बहुर गए हैं। एक के बाद एक कार्यों से विकास की झड़ी लगी हुई है। इनमें नए थानों का विस्तार, नई पुलिस लाइन, ट्रैफिक लाइन, साइबर सेवा केंद्र, मानव तस्करी रोधी इकाई, क्राइम ब्रांच दफ्तर, छर्रा में नया सीओ कार्यालय का निर्माण शामिल है। ये सभी वो काम हैं, जो सरकारी विभाग की चाल चलते तो सालों लग जाते। दूसरी तरफ अपराधियों पर भी शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। एक पुलिसकर्मी कहने लगे कि साहब का संदेश स्पष्ट है। सुविधा पूरी मिलेगी। लेकिन, काम में कोई आना-कानी नहीं होनी चाहिए।

दो मौतों से नहीं उठ सका पर्दा

जवां में बीते दिनों एकसाथ दो मौतों ने सनसनी मचा दी। एक युवक और उसकी मौसेरी बहन कमरे में संदिग्ध हालात में मृत मिले थे। पोस्टमार्टम में युवक की मौत का कारण खुदकुशी व युवती का गला दबाना आया। आठ लोगों पर दहेज हत्या का मुकदमा हुआ। ग्रामीणों में दोनों के बीच नजदीकियों की चर्चाएं हुईं। इन सबके बाद पुलिस दो एंगल पर जांच कर रही है। पहले में माना जा रहा है कि दोनों के बीच विवाद हुआ और युवक ने युवती का गला दबाया। बाद में खुदकुशी कर ली। दूसरा एंगल दोनों की हत्या का है। आरोप है कि घटना से एक दिन पहले युवती से मारपीट हुई थी। युवती ने अपने मौसेरे भाई को बुलाया। भाई ससुरालियों को समझा रहा था, तभी दोनों को मार दिया गया। पुलिस पहले एंगल को ही अधिक मजबूत बता रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सबके सामने सच लाया जाए।