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Malkhan Singh Murder: जेल गए तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू ने मैनपुरी में किया था फर्जीवाड़ा, इसकी लड़ाई अभी बाकी

सात फरवरी को होनी है सुनवाई दलवीर ने बताया कि मैनपुरी में ट्रायल चल रहा है। फिरोजाबाद पुलिस इसकी विवेचना कर रही है। उनकी तरफ से विवेचना होने तक ट्रायल पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई है। इस पर सात फरवरी को सुनवाई होगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Wed, 01 Feb 2023 10:38 AM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2023 10:38 AM (IST)
Malkhan Singh Murder: जेल गए तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू ने मैनपुरी में किया था फर्जीवाड़ा, इसकी लड़ाई अभी बाकी
पूर्व विधायक मलखान सिंह हत्याकांड में तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू को सजा हुई है।

अलीगढ़, जागरण टीम। पूर्व विधायक मलखान सिंह हत्याकांड में दोषी तेजवीर सिंह गुड्डू ने अपने बचाव के लिए हर तरीका अपनाया, मगर पूर्व विधायक के भाई दलवीर सिंह के सामने उसकी एक नहीं चली। गुड्डू ने सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा मैनपुरी जेल में किया था। उसने खुद को पूर्व विधायक की हत्या के दिन मैनपुरी जेल में दर्शाया।

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इस मामले में गुड्डू व उसके बेटे दीपक पर मुकदमा हुआ। उसका ट्रायल मैनपुरी की निचली अदालत में चल रहा है। इसमें दलवीर ने दलील रखी कि गुड्डू अकेला ये फर्जीवाड़ा नहीं कर सकता है। ऐसे में जो भी इसमें शामिल हैं। वो सामने आने चाहिए। आइजी के आदेश पर इसकी विवेचना फिरोजाबाद पुलिस कर रही है।

दोषियों को सजा होने के बाद काफी हद तक जीती लड़ाई

दलवीर सिंह कहते हैं कि दोषियों को सजा होने के बाद काफी हद तक लड़ाई जीत ली है। मैनपुरी जेल में फर्जीवाड़े के मुकदमे की लड़ाई शेष है। मैं इसकी भी पैरवी करता रहूंगा, छोड़ूंगा नहीं। 20 मार्च 2006 की शाम को ज्ञानसरोवर स्थित आवास के बाहर पूर्व विधायक मलखान सिंह व उनके अंगरक्षक सुनील की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले का ट्रायल बुलंदशहर की अदालत में हुआ। शुक्रवार को 15 आरोपित दोषी करार दिए गए हैं। सोमवार को 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

गुड्डू ने हर कदम पर चली चाल

इस केस की पैरवी पूर्व विधायक के बड़े भाई दलवीर सिंह ने की। दलवीर के मुताबिक, गुड्डू ने हर कदम पर चाल चली। शुरुआत में घटना के चार दिन बाद 24 मार्च 2006 को गुड्डू ने सरदार का भेष बनाकर अदालत में सरेंडर किया था। यहां से पांच अप्रैल 2006 को उसे मैनपुरी जेल में शिफ्ट किया गया था। जेल में उसकी मुलाकात राजेश चौहान से हुई। गुड्डू ने राजेश की मदद से लेनदेन का झूठा मुकदमा मैनपुरी में कराया। इसमें दर्शाया कि 17 मार्च से 24 मार्च 2006 तक गुड्डू व उसका बेटा मैनपुरी जेल में थे। जेल से भी इसकी पुष्टि करवा ली।

डीजीपी से की शिकायत

दलवीर ने इसकी शिकायत डीजीपी से की। आइजी जेल के आदेश पर डीआइजी जेल ने जांच की, जिसके बाद मामले में डिप्टी जेलर भोलेनाथ मिश्रा को निलंबित किया गया। उस समय जेलर की ओर से अगस्त 2008 में गुड्डू व उसके बेटे दीपक पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। दलवीर ने सवाल किया कि बिना जेल प्रशासन की संलिप्तता के ये फर्जीवाड़ा कैसे हो सकता है। इसके लिए उन्होंने सीबीसीआइडी से जांच कराने की मांग की। दो बार मुख्यमंत्री से भी शिकायत की। पिछले साल आगरा में आइजी से मिले, जहां से फिर से जांच के आदेश हुए। अब फिरोजाबाद पुलिस जांच कर रही है।

दलवीर की जान को खतरा

पैरवी के दौरान दलवीर को चार बार हत्या की धमकी भी मिलीं। वर्ष 2009 में कुछ लोग एक सरकारी योजना के तहत मदद लेने की आड़ में दलवीर के घर पर आए थे। इसका पूरा भेद भरतपुर पुलिस ने खोला था। अब दोषियों को सजा होने के बाद मैनपुरी के मुकदमे में दलवीर को पैरवी करनी है। उन्होंने अपनी जान का खतरा भी जताया है।

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यह है फैसला

तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू और प्रदीप कुमार आइपीसी की धारा 302, 307, 149 और 120बी के दोषी पाए गए और इन पर 1.50 लाख का अर्थदंड लगाया गया। शरीफ, अमित गुप्ता उर्फ अजीत, विशाल गौड़, उपेंद्र, प्रदीप उर्फ अन्नू बघेल, प्रेम सिंह कुशवाहा और भूपेंद्र गुप्ता आइपीसी की धारा 302 व 149 के दोषी सिद्ध हुए।

इन पर 50-50 हजार का अर्थदंड लगाया गया है, जबकि सोनू, जीतू उर्फ जीतेंद्र, लालू खां और सुनील उर्फ दाऊ पर एक-एक लाख का अर्थदंड लगाया गया है।

घर पर आते रहे लोग पुलिस भी रही सतर्क

गुड्डू को सजा होने के बाद दलवीर के घर शुभचिंतकों का आना जाना लगा रहा। लोगों ने घर आकर दलवीर व उनके परिवार को मिठाई खिलाई। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस भी सतर्क नजर आई। पुलिस हर गतिविधि पर निगाह रखे है। 


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