Move to Jagran APP

Aligarh News : हादसे के बाद समय से इलाज नहीं मिलने से टूट रही जीवन की डोर, इस वजह से होती है देर

Aligarh News नेशनल हाइवे पर होने वाले हादसों में घायलों को त्‍वरित इलाज मिल सके इसके लिए गोल्‍डन आवर स्‍कीम चलायी गयी है लेकिन राहगीरों को इसके प्रति जागरूक नहीं किया जिसके चलते लोग मदद करने से कतराते हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 24 Nov 2022 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 24 Nov 2022 12:19 PM (IST)
अलीगढ़ में सड़कों पर हुए गड्ढों से आए दिन हो रहे हादसे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : अकराबाद क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर 20 नवंबर को गोपी ओवरब्रिज के पास अचानक सांड़ के सामने आ जाने पर कार अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में राष्ट्रीय इंटर कालेज अकराबाद के प्रधानाचार्य डा. आरएन यादव, उनकी पत्नी व चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद तमाम लोग इकट्ठा हो गए। लेकिन, किसी ने मदद नहीं की। एंबुलेंस तक मौके पर नहीं आ सकी। चालक ने कालेज के कर्मचारियों व परिचितों को मौके पर बुलाया, जिसके बाद निजी कार से घायलों को अस्पताल लाया गया। मगर तब तक प्रधानाचार्य की मौत हो गई। इसी तरह के हादसे आए दिन होते हैं, जिनमें घायल तड़पता रहता है, मगर कोई व्यक्ति मदद को आगे नहीं आता।

loksabha election banner

त्‍वरित इलाज के लिए गोल्‍डन आवर स्‍कीम

सड़क हादसों में घायलों को त्वरित इलाज दिलाने के उद्देश्य से जिले में गोल्डन आवर स्कीम चल रही है। इसके तहत एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें सड़क किनारे वाले गांवों के प्रधान, होटल- ढाबों, प्रमुख प्रतिष्ठानों, पेट्रोल पंप के अलावा निजी व सरकारी अस्पतालों के संचालक, यूपी 112 पीआरवी के जवानों, स्वास्थ कर्मियों आदि के मोबाइल नंबर शामिल किए गए हैं। किसी भी सड़क हादसे के होने की स्थिति में तत्काल ग्रुप पर सूचित करते हैं। इसके बाद घायल को उपलब्ध कराई जाती है। ये तो विभागीय काम है, मगर सूचना देने वाला पहला काम राहगीर का होता है। इसे लेकर लोगों में जागरूकता नहीं है। अक्सर हाईवे पर कई हादसे होते हैं, मगर लोग ये सोचकर मदद नहीं करते कि कहीं उन्हें पुलिस के झंझट में न फंसना पड़े।

इसे भी पढ़ें *Govardhan Yojana : अलीगढ़ में 33 लाख के बायोगैस प्लाट में ’भ्रष्टाचार’ की दरारें, जांच में खुली परतें*

इनका कहना है

कोई भी हादसा होने पर लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वो तत्काल सूचना दें। इसके लिए 108 या 112 डायल करें। मदद करने वाले व्यक्ति से कोई पूछताछ नहीं होती है। एमवी एक्ट में भी अब इस बिंदु को शामिल किया गया है कि घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति जब तक खुद नहीं चाहेगा, तब तक उससे कोई पूछताछ नहीं होगी। ऐसे में लोग मदद को आगे आएं। इसके लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है।

*इसे भी पढ़ें Aligarh News : दाऊद और श्रीप्रकाश शुक्ला की तरह डान बनना चाहता था मुनीर, एएमयू में नाम से कांपते थे छात्र*

- मुकेश चंद्र उत्तम, एसपी ट्रैफिक

गोल्डन आवर स्कीम के तहत एक वाट्सएप ग्रुप बना हुआ है। इसमें कोई भी हादसा होने पर सूचना साझा कर सकता हैं। प्रयास रहता है कि तत्काल मदद दिलाई जाए। इसके अलावा हादसे में गंभीर घायल की मदद करने वाले को सरकार की ओर से पांच हजार रुपये पुरस्कार के रूप में दिए जाते हैं। जिले में सिर्फ अमन अग्रवाल का नाम इसमें शामिल है, जिन्होंने अपने प्रयासों से कई लोगों की जान बचाई है।

- फरीदउद्दीन, आरटीओ प्रवर्तन

लोगों के बोल

अक्सर देखने को मिलता है कि हादसे के बाद लोग वीडियो बनाना शुरू कर देते हैं, जबकि उस वक्त पीड़ित को उपचार की जरूरत होती है। ऐसे में कर्तव्य पालन करते हुए मदद करनी चाहिए।

- नीरज शर्मा, मेलरोज बाईपास

आधुनिक होते जा रहे जमाने में संवेदनहीनता भी बढ़ गई है। कई बार सड़क पर घायल तड़पता रहता है और कोई मदद को आगे नहीं आता। लोग पुलिस का इंतजार करते रहते हैं, तब तक देर हो जाती है।

- तरुण चड्डा, रसलगंज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.