यूएस नागरिकों को ठगने वाली दुकान, डालर में होती थी ठगी, संचालक ने सीखा था पूरी तरीका, रोजाना 1 लाख की कमाई
स्काइप पर अमेरिकियों का आनलाइन खरीदते थे डाटा। संचालक को था अमेरिकी नागरिकों से बातचीत करने का तर्जुबा। पहले भी कर चुका था काल सेंटर में काम। साफ्टवेयर की मदद से पहले से लिखी स्क्रिप्ट पढ़ते थे कर्मचारी बैंक में धोखाधड़ी की शिकायत करने के बाद करते थे ठगी
आगरा, जागरण संवाददाता। काल सेंटर संचालक अनुराग प्रताप को अमेरिकी नागरिकों से बात करने का अनुभव था। पूर्व में काल सेंटर में काम करने के चलते उसे वहां का सारा तरीका पता था। वहां से उसके विदेशियों से तार जुड़ गए थे। उसकी पत्नी साफ्टवेयर इंजीनियर है। पुलिस का दावा है कि अनुराग ने काल सेंटर के नाम पर ठगी की दुकान खोल रखी थी। इसमें अच्छी अंग्रेजी जानने वालों को नौकरी पर रखा हुआ था।
स्काइप पर आनलाइन खरीदता था डाटा
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अमेरिका में जो नागरिक ऋण के लिए आवेदन करते हैं, उनका पूरा डाटा होता है। इसे अनुराग डाटा स्काइप पर आनलाइन खरीदता था। कर्मचारियों को यह डाटा देने के बाद उन्हें लिखी हुई स्क्रिप्ट दी जाती थी। इसे वह अमेरिकी नाम के ग्राहक को पढ़कर सुनाते थे। वह इंटरनेट के माध्यम से काल करते थे। अमेरिकी से बातचीत के दौरान उसका यूनिक आइडी नंबर, जन्म तिथि, किस बैंक में खाता है आदि जानकारी ली जाती थीं। अनुराग यह जानकारी आगे किसी को भेजता था। वहां अमेरिकी नागरिकों के बैंक स्टेटमेंट पर नजर रखी जाती थी।
शिकायत पर खाते को बैंक फ्रीज कर देता था
कोई अमेरिकी आनलाइन महंगी चीजें खरीदता, अनुराग से जुड़े लोग अमेरिकी बैंक में ठगी की शिकायत कर देते थे। शिकायत पर उक्त खाते को बैंक फ्रीज कर देता था। इससे रकम स्थानांतरित नहीं होती थी। रकम ग्राहक के खाते में वापस आ जाती। ग्राहक के खाते में रकम आने की जानकारी काल सेंटर संचालक को मिल जाती थी। कर्मचारी अमेरिकी नागरिक को फोन करते। उसे बताते कि कंपनी ने उनके खाते में रकम स्थानांतरित कर दी है। इस रकम का प्रयोग किसी भी कंपनी का गिफ्ट वाउचर खरीदने में कर लें।
गिफ्ट वाउचर से करते थे खरीदारी
गिरोह अमेरिकी से उसके गिफ्ट वाउचर का नंबर पता कर लेते थे। गिफ्ट वाउचर के नंबर से खुद आनलाइन खरीदारी कर लेते थे। यह रकम ग्राहक की होती थी। पुलिस के अनुसार अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वालों का एक काल सेंटर गुरुग्राम में भी पकड़ा गया था। इसमें आगरा के भी तीन युवक शामिल थे। दूसरा काल सेंटर सिकंदरा आगरा में पकड़ा गया है। इसके तार अहमदाबाद से भी जुड़े बताए गए हैं। अमेरिकी नागरिकों से ठगी डालर में होती थी। ठगी करने वालों को भारत में उनका हिस्सा चाहिए होता था। रकम पहले अहमदाबाद के काल सेंटर पर आती थी। वहां से दूसरे सेंटर में भेजी जाती थी।
पर्दाफाश में इनकी रही अहम भूमिका
प्रभारी निरीक्षक सिकंदरा आनंद कुमार शाही, सर्विलांस प्रभारी सचिन धामा, स्वाट प्रभारी अजय कुमार, उप निरीक्षक अनुज चौधरी और राहुल कटियार व अन्य।
एक लाख रुपये की कमाई की
पुलिस को आरोपितों ने बताया कि काल सेंटर से उन्हें रोज एक लाख रुपये तक की कमाई होती थी। वह वर्ष 2021 से काल सेंटर चला रहे थे।