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आगरा का फर्जी काल सेंटर, अमेरिकी रिचर्ड निकला ठगी का मास्टर माइंड, संचालक को बिट क्वाइन से हिस्सा देता था

संपर्क में था काल सेंटर संचालक दो हजार अमेरिकियों से ठगी दूतावास को भेजी रिपोर्ट। छानबीन में कंपनी के बैंक अकाउंट और बिट क्वाइन अकाउंट की जानकारी मिली है। बैंक अकाउंट में कितने रुपये हैं। यह बैंक से पता किया जाएगा। दोनों अकाउंट सीज कराए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaMon, 27 Mar 2023 01:10 PM (IST)
आगरा का फर्जी काल सेंटर, अमेरिकी रिचर्ड निकला ठगी का मास्टर माइंड, संचालक को बिट क्वाइन से हिस्सा देता था
Agra News: शास्त्रीपुरम में चल रहा था ठगी का काल सेंटर।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के सिकंदरा में पकड़ा गया ठगों का सरगना अमेरिकी नागरिक रिचर्ड निकला। जेल भेजे गए काल सेंटर संचालक समेत सातों आरोपितों से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी हुई है। यह गैंग छह माह में करीब दो हजार अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। पुलिस ने पूरी रिपोर्ट अमेरिकी दूतावास को दे दी है।

डियोसा एसेट नाम से था पंजीकरण

शास्त्रीपुरम में चल रहे काल सेंटर का पंजीकरण डियोसा एसेट नाम से था। उसका संचालक आवास विकास कालोनी निवासी अनुराग प्रताप सिंह था। इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही ने बताया कि अनुराग पहले एक काल सेंटर में नौकरी करता था। इस दौरान ही वह रिचर्ड के संपर्क में आया। उससे आनलाइन बातचीत के बाद ही छह माह पहले शास्त्रीपुरम में उसने काल सेंटर खोला। रिचर्ड ही ठगी के गैंग का सरगना है। अमेरिका में काल सेंटर में कर्मचारियों के वेतन पर अधिक खर्च होता, इसलिए उसने अनुराग से काल सेंटर खुलवाया। यहां के कर्मचारियों को वह आनलाइन ट्रेनिंग भी देता था। लोन लेने वाले लोगों का डेटा वही उपलब्ध कराता था।

रात में काल करके लेते थे डिटेल

काल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों को रात में काल करके अनुराग और उसके साथी यूनिक आइडी नंबर व अन्य डिटेल लेते थे। यह डिटेल वे रिचर्ड को साझा कर देते थे। इसके बाद आगे का काम रिचर्ड खुद करता था। बैंक डिटेल निकालने के बाद वह खातों से रकम पार करता था। इसके बाद अनुराग को उसका हिस्सा बिट क्वाइन में देता था। छह माह में करीब दो हजार अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों की ठगी का अनुमान है। 55 अमेरिकी नागरिकों की चैट भी मिली है। इसमें काम होने और डालर आने के मैसेज हैं।

लैब भेजे जाएंगे कंप्यूटर

आरोपितों के लैपटाप, कंप्यूटर और हार्ड डिस्क जब्त की गई हैं। इन्हें जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। अमेरिकी नागरिकों से ठगी के मामले में पुलिस ने अपनी ओर से धोखाधड़ी और आइटी एक्ट की धारा में अभियोग पंजीकृत कर आरोपितों को जेल भेजा है।