Move to Jagran APP

Vinay Kumar Pathak की मनमानी की भेंट चढ़ गया बीएचएमएस का परिणाम, एसटीएफ कर रही जांच

Vinay Kumar Pathak परीक्षा समिति ने कर दिया था निरस्त। विश्वविद्यालय ने अब तक नहीं लिया निर्णय। सैकड़ों छात्र इसके इंतजार में हैं। आगरा में प्रो. विनय कुमार पाठक के कार्यकाल की एसटीएफ टीम जांच पड़ताल भी कर रही है।

By Prabhjot KaurEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sat, 03 Dec 2022 01:36 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2022 01:36 PM (IST)
Vinay Kumar Pathak की मनमानी की भेंट चढ़ गया बीएचएमएस का परिणाम, एसटीएफ कर रही जांच
आगरा में प्रो. विनय कुमार पाठक कार्यवाहक कुलपति रहे थे।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएचएमएस का परिणाम प्रो. विनय कुमार पाठक की मनमानी की भेंट चढ़ गया है। प्रो. पाठक ने नियमविरुद्ध पुर्नमूल्यांकन कर परिणाम जारी कर दिया था। जिसे पिछले महीने हुई परीक्षा समिति की बैठक में निरस्त कर दिया गया। अब इस रूके परिणाम पर विश्वविद्यालय का ध्यान ही नहीं है।

loksabha election banner

पिछले महीने हुई थी परीक्षा समिति की बैठक

पिछले महीने की 19 तारीख को हुई परीक्षा समिति की बैठक में डीन होम्योपैथी द्वारा प्रस्ताव रखा गया था कि बीएचएमएस प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ प्रोफेशनल सत्र की परीक्षा का डिजिटल मूल्यांकन पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक द्वारा परीक्षा समिति की प्रत्याषा में कराया गया। इसलिए परीक्षा समिति के सामने अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाता है। इस पर सदस्यों ने आपत्ति जताई कि यह मामला एसटीएफ की जांच में शामिल है। सदस्यों ने जानकारी दी कि परिणाम में केवल 20 प्रतिशत छात्र ही उत्तीर्ण हुए थे।

परिणाम की हुई थी जांच

डीन के पत्र के आधार पर पुर्नमूल्यांकन डिजिटल पद्धति से कराया गया। परिणाम शत-प्रतिशत आया। जबकि पुर्नमूल्यांकन का कोई नियम ही नहीं है, 15 साल पहले पुर्नमूल्यांकन बंद हो चुका है। चुनौती मूल्यांकन का नियम है। प्रो. पाठक के कार्यकाल में कूटरचित दस्तावेज जुलाई में तैयार किए। इन दस्तावेजों पर परीक्षा नियंत्रक, प्रति कुलपति और सहायक कुलसचिव के हस्ताक्षर हैं और उन हस्ताक्षरों के नीचे की तारीफ कटी हुई है।

ये भी पढ़ें...

बार्सिलोना के जोस और इजाबेल इंडियन कल्चर से हुए इंप्रेस, मंदिर में लिए सात फेरे अब निभाएंगे सात वचन

सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई कि अाठ अगस्त को भी परीक्षा समिति की बैठक हुई थी, तब यह प्रस्ताव क्यों नहीं रखा गया? सदस्यों की आपत्ति के बाद इस प्रस्ताव को निरस्त किया गया। प्रस्ताव निरस्त होने के बाद विश्वविद्यालय ने अब तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बारे में परीक्षा नियंत्रक डा. ओमप्रकाश का कहना है कि इस मामले पर डीन के साथ चर्चा की जाएगी उसके बाद फैसला लिया जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.