DBRAU: राज्यपाल के निरीक्षण के बाद साफ-सफाई तो हुई, डिग्री और अंकतालिकाओं की नहीं बदली व्यवस्थाएं
DBRAU कट गई घास साफ हो गया पानी पर समस्याएं जस की तस। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की नाराजगी के बाद संस्कृति भवन और पालीवाल पार्क परिसर में हुई सफाई। अब भी विश्वविद्यालय में लंबित है डिगरी और अंकतालिकाएं।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में रविवार को उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्कृति भवन और पालीवाल पार्क परिसर में सेंट्रल लाइब्रेरी के पास की अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। सोमवार को विश्वविद्यालय ने उन सभी कमियों को तो दूर कर दिया, लेकिन विश्वविद्यालय का माहौल सुधारने की हिदायत को पूरा करने में अभी काफी वक्त लगेगा।
घास के ढेर लगे रहे, छत की मरम्मत नहीं हुई
निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने संस्कृति भवन प्रभारी डा. संजय चौधरी को लान में घास कटवाने के निर्देश दिए थे। सोमवार को संस्कृति भवन में घास कटी हुई थी और ढेर लगे हुए थे। इसी तरह पालीवाल पार्क परिसर में सेंट्रल लाइब्रेरी के पास टंकी के नीचे भरे पानी, शौचालयों में से आती बदबू और सेंट्रल लाइब्रेरी की गिरासू छत पर भी नाराजगी जाहिर की थी।
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टंकी के नीचे भरे पानी और शौचालयों को तो सोमवार को साफ करा दिया गया, लेकिन छत की मरम्मत अभी बाकी है।सोमवार को विश्वविद्यालय में काफी सन्नाटा था। रोज की तरह डिग्री और अंकतालिका की समस्या के साथ प हुंचने वाले छात्र भी नहीं थे।
राज्पाल ने गिनाईं थी कमियां, चुप्पी साधे रहे प्रबंधक
विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई की, जिन्हें राज्यपाल गिना गई। पर उन बिंदुओं पर चुप्पी साधे बैठे हैं, जो विश्वविद्यालय की छवि पर सालों से पैबंद सरीखे हैं।डिग्री और अंकतालिका की समस्या के साथ हर रोज सैंकड़ों छात्र आते हैं।
हेल्प डेस्क पर हर रोज डिग्री और अंकतालिका से संबंधित 150 आवेदन आते हैं।विश्वविद्यालय में 10 हजार से अधिक डिग्रियां लंबित हैं और 50 हजार अंकतालिकाएं एमडब्ल्यू (मार्क्स अवेटिंग) के कारण रूकी हुई हैं।इन समस्याओं को विश्वविद्यालय को दूर कराने में काफी समय लगेगा।
परीक्षा नियंत्रक को माहौल सुधारने की दी थी चेतावनी
यही नहीं, परीक्षा नियंत्रक को विश्वविद्यालय का माहौल सुधारने की चेतावनी देकर गई राज्यपाल के सामने न तो बीएएमएस का मुद्दा ही उठा और न ही पेपर लीक पर कोई बात हुई। विश्वविद्यालय अधिकारियों ने हर उस कारनामे को विश्वविद्यालय से दूर रखने की कोशिश की, हालांकि राज्यपाल ने अस्पष्ट रूप से अपना रुख बता दिया कि वे आगरा की खबरें अखबार में पढ़ लेती हैं।