दस दिनों में कैसे बन पाएगा वाटरवर्क्स फ्लाईओवर
जागरण संवाददाता, आगरा : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का एक और झूठ जल्द सबके सामने आ
जागरण संवाददाता, आगरा : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का एक और झूठ जल्द सबके सामने आने जा रहा है। जिस तरीके से वाटरवर्क्स फ्लाईओवर पर काम चल रहा है। उससे दस दिनों के भीतर इसके बनने की उम्मीद कम है। ऐसे में इसकी डेट को एक बार फिर से आगे बढ़ाना पड़ेगा। फ्लाईओवर के निर्माण में देरी से लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे टू के चौड़ीकरण का कार्य वर्ष 2011 में शुरू हुआ। वर्ष 2012 से शहरी क्षेत्र के तीन फ्लाईओवर बनने शुरू हुए, जिसमें सबसे पहले वाटरवर्क्स चौराहा पर काम शुरू हुआ। फिर सुल्तानगंज की पुलिया और खंदारी। वाटरवर्क्स को छोड़ बाकी दो फ्लाईओवर बनकर तैयार हैं। अगस्त 2016 तक फ्लाईओवर का काम पूरा होना था, लेकिन लेटलतीफी के चलते इसकी तारीख दिसंबर कर दी गई। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में जीआइसी ग्राउंड में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तीस जून 2017 तक फ्लाईओवर के निर्माण की घोषणा की। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सांसद डॉ. राम शंकर कठेरिया ने भी इसी बात को दोहराया। इस बीच एनएचएआइ ने एक माह की मोहलत ले ली और राजमार्ग मंत्रालय में तीस जुलाई तक निर्माण कार्य पूरा करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन फ्लाईओवर का कार्य धीमी गति से चल रहा है। अभी तक 60 फीसद काम ही पूरा हुआ है। बाकी का कार्य महज दस दिनों के भीतर में पूरा करना है। अभी तक अप्रोच रोड बनकर तैयार नहीं है। रोड बनने के बाद उसकी फिनिशिंग में चार से पांच दिन लगेंगे।
बारिश बनेगी बाधा
वाटरवर्क्स फ्लाईओवर के निर्माण में बारिश भी दिक्कतें पैदा करेगी। बारिश से अप्रोच रोड की मिट्टी का कटान तेजी से होगा। इससे उसे दोबारा बनाना पड़ेगा।
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वाटरवर्क्स फ्लाईओवर एक नजर में
- फ्लाईओवर 33 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है।
- अप्रोच रोड की लंबाई 950 मीटर है, जबकि पुल 75 मीटर लंबा है।
- फ्लाईओवर बनने से वाटरवर्क्स पर जाम खत्म हो जाएगा।
हर दिन जाम में फंसते हैं लोग
वाटरवर्क्स चौराहा पर हर दिन जाम लगता है जिसमें लोग आधा से एक घंटे तक फंसे रहते हैं। एनएचएआइ और ट्रैफिक पुलिस ने जाम से निपटने के कोई इंतजाम नहीं किए हैं।
लंबा हुआ रास्ता
फ्लाईओवर के निर्माण के चलते वाटरवर्क्स चौराहा का कट बंद कर दिया गया है। इससे अतिथिवन से जीवनी मंडी के लिए लोग सीधे नहीं जा सकते हैं। लोगों को रामबाग या फिर लगड़े की चौकी के मोड़ से होकर जाना पड़ता है।
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- वाटरवर्क्स फ्लाईओवर का निर्माण तीस जुलाई तक पूरा हो जाएगा। कार्य की रफ्तार को बढ़ाने के लिए कहा गया है।
मोहम्मद सफी, परियोजना निदेशक मथुरा खंड एनएचएआइ