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नए साल में मिलेगा ऐपरेल ट्रेनिंग सेंटर

जागरण संवाददाता, आगरा: नये साल के शुरुआती महीने में ताजनगरी को ऐपरेल ट्रेनिंग एवं डिजायनिंग सेंटर (ए

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, आगरा: नये साल के शुरुआती महीने में ताजनगरी को ऐपरेल ट्रेनिंग एवं डिजायनिंग सेंटर (एटीडीसी) का तोहफा मिलने जा रहा है। गुरुवार को इसके लिए एटीडीसी की टीम ने शहर में तीन स्थलों का निरीक्षण किया। इसमें से सिकंदरा-बोदला रोड स्थित स्थल को टीम ने उपयुक्त माना है।

एटीडीसी, गुड़गाव की टीम गुरुवार को आगरा पहुंची। एटीडीसी फरीदाबाद की वरिष्ठ प्रधानाचार्य पूनम मल्होत्रा एवं कुंज बिहारी शर्मा की टीम सबसे पहले इंडस्ट्रियल एरिया के निकट सिकंदरा-बोदला रोड पर गई। टीम ने संजय प्लेस के भी दो स्थल देखे। टीम को सिकंदरा-बोदला रोड स्थित भवन सर्वाधिक उपयुक्त लगा। हालांकि स्थान का अंतिम चुनाव उनके गुड़वाव स्थित मुख्यालय से किया जाना है। टीम ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर एक माह के अंदर खुल जाएगा। हकीकत में इसे पलवल से आगरा शिफ्ट किया जा रहा है।

पूनम मल्होत्रा ने बताया कि प्रतिवर्ष एटीडीसी पूरे भारतवर्ष में 40-50 हजार लोगों को कपड़ा उद्योग के लिए प्रशिक्षित करती है। चाहे वह सिलाई मशीन का ऑपरेटर हो, क्वालिटी कंट्रोलर या सुपरवाईजर अथवा पैटर्न मेकर हो। भारत में गारमेंट उद्योग के लिए कम से कम 2-3 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।

टीम ने आगरा रेडीमेड गारमेंट्स एंड मैन्युफेक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके नैयर और उपाध्यक्ष संजीव कुमार अग्रवाल से वार्ता की। इन्होंने टीम को बताया कि सिकंदरा-बोदला रोड बेहतर विकल्प हैं। साथ ही इन्होंने कहा कि आगरा में कम से कम 15-20 हजार प्रशिक्षित सिलाई मशीन ऑपरेटरों की कमी है, प्रशिक्षण मिलने पर लोगों को आसानी से रोजगार मिल जाएगा। निरीक्षण के दौरान आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन (एडीएफ) के सचिव केसी जैन व कपड़ा उद्यमी सुरुचि सचदेवा उनके साथ थीं।

मोबाइल स्किल कैंप

केसी जैन ने टीम को मोबाइल स्किल कैंप लगाने का सुझाव दिया। इसमें गाव और कस्बों में अल्पकालीन कैंप लगाकर लोगों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। टीम ने सुझाव को आगे बढ़ाने की बात कही।

आइटीआइ का भी किया दौरा

एडीएफ के साथ टीम आइटीआइ बल्केश्वर भी गई। वहा पर आधुनिक मशीनें बड़ी संख्या में हैं। इनका उपयोग कर वहा प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को भी गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के लिए तैयार किया जा सकता है।

1200 रुपये में मिलेगा प्रशिक्षण

एटीडीसी में प्रति व्यक्ति 1200 रुपये प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। इसके लिए एडीएफ द्वारा प्रायोजक तलाशे जा रहे हैं।


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