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आर्थिक सर्वे: हालात चुनौतीपूर्ण, फिर 8 फीसद पहुंच सकती है विकास दर

इसमें वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी की दर को 7 से 7.75 फीसद आंका गया है। ये भीकहा गया कि बाहरी हालात चुनौतीपूर्ण रहेंगे, फिर भी घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनी रहेगी और अगले कुछ वर्षों में विकास दर 8 फीसद तक पहुंच सकती है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2016 12:05 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2016 02:23 AM (IST)

नई दिल्ली। लोकसभा में मचे हो-हल्ले के बाद आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वे पेश कर दिया।इसमें पिछले 12 महीने की आर्थिक स्थिति और विभिन्न विकास कार्यक्रमों की समीक्षा रिपोर्ट है। इसमें वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी की दर को 7 से 7.75 फीसद आंका गया है। ये भीकहा गया कि बाहरी हालात चुनौतीपूर्ण रहेंगे, फिर भी घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनी रहेगी और अगले कुछ वर्षों में विकास दर 8 फीसद तक पहुंच सकती है।

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वहीं वर्ष 2015-16 में यह वृद्धि दर का आंकड़ा 7.6 फीसद रही है। वित्त मंत्रालय ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आर्थिक समीक्षा और बजट दस्तावेज की कम प्रतियां छापने का फैसला किया है।

जेटली के मुताबिक 2013 से अब तक FDI में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। उन्होंने विकास दर 7 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान भी जताया है। इस सर्वे में अगले पांच साल में 8 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान लगाया गया है।वहीं खुदरा महंगाई दर 4 से 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा सर्वे में अर्थव्यवस्था के बेहतर रहने का अनुमान जताया गया है। इसमें रोजगार के बढ़ने और दुनिया में निराशा के माहौल के बावजूद भारत मजबूती से खड़े रहने की बात कही गई है।

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ठीक रहेगी आर्थिक स्थिति

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से महंगाई नहीं बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2016-17 में खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर 4.5-5 फीसद रह सकती है। इस दौरान चालू खाते का घाटा, जीडीपी का 1-1.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2015-16 में 3.9 फीसद वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान टैक्स वसूली बजटीय अनुमान से ज्यादा रह सकती है। मार्च 2017 तक आरबीआई 5 फीसद महंगाई का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि खराब मौसम का अर्थव्यवस्था पर असर नहीं होगा। इसके अलावा मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बेहतरी का अनुमान लगाया गया है। साथ ही सर्वे में कहा गया है कि सातवां वेतन आयोग कीमतों को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा और इसका महंगाई पर मामूली असर पड़ेगा। वित्त मंत्री द्वारा आज संसद में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा के अनुसार चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जनवरी) के दौरान भारत की निर्यात में बढ़ोत्तरी दर वर्ष घटकर 17.6 प्रतिशत रह गई है और यह 217.7 बिलियन अमरीकी डॉलर पर आ गई है।

पेट्रोलियम तेल लुब्रीकेंट्स (पीओएल) का आयात कम होने का मुख्य कारण इस वर्ष अभी तक कुल आयात में कमी होना बताया गया है। इसके परिणाम स्वरूप 2015-16 के दौरान (अप्रैल-जनवरी) व्यापार घाटा जो वर्ष 2014-15 की इसी अवधि के दौरान 119.6 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा था घटकर 106.8 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा है।

आर्थिक समीक्षा 2015-16 में प्रस्तावित वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को आधुनिक वैश्विक कर इतिहास में सुधार का असाधारण उपाय बताया गया है। समीक्षा में कहा गया है कि अनुमानित 2 से 2.5 मिलियन उत्पाद शुल्क और सेवा कर देने वालों को प्रभावित करने वाले जीएसटी से भारतीय कर प्रणाली में नाटकीय बदलाव आएगा।

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21वीं सदी के लिए राजकोषीय क्षमता का खाका रखते हुए समीक्षा में निजी करदाताओं के आधार को बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसम कहा गया है कि 1980 के मध्य के बाद से अधिक संख्या में कर चुकाए जाने के बावजूद करीबन 85 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कर दायरे से बाहर है।


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