Digital strike on China: चीनी ऐप्स पर सरकार की डिजिटल स्ट्राइक की क्या है वजह? 6 महीने पहले से थी तैयारी
भारत सरकार ने बीते दिन 232 चीनी ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया है। इन चीनी ऐप्स पर सरकार करीब 6 महीने पहले से ही नजर बनाए हुई थी। इस दौरान इन ऐप्स के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। (फोटो- जागरण)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। हाल ही में भारत सरकार ने चीनी मोबाइल ऐप्स पर शिकंजा कसते हुए उन्हें बैन करने का फैसला लिया। ऐसे 232 चीनी ऐप्स जो सट्टेबाजी, जुए और गलत तरीके से लोन देने के लिए बने थे, उन पर भारत सरकार का कड़ा रुख सामने आया है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि इस बड़े फैसले की तैयारी करीब 6 महीने पहले ही कर ली गई थी।
सरकार करीब 288 चीनी ऐप्स पर नजर बनाए थी, जो इस तरह की हरकतों में संलिप्त थे। इस दौरान कुछ चीनी ऐप्स के बारे में जानकारी सामने आई कि वे भारतीय नागरिकों की निजी जानकारियों तक का एक्सेस ले रहे थे। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने चीनी ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया है। बीते कुछ सालों में सैकड़ों चीनी ऐप्स को देश की अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा मान बैन किया गया है।
चीनी ऐप्स किस तरह से देते थे झांसा
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि बैन किए गए चीनी ऐप्स भारतीय नागरिकों को अपने जाल में फंसा रहे थे। पहले किसी जरुरतमंद को लोन का झांसा दिया जाता था, जिसके बाद ब्याज की दर को 3000 प्रतिशत सालाना तक बढ़ा दी जाती थी।
यही नहीं, जब लोन लेने वाले कर्जदार ब्याज के साथ रकम को अदा ना कर पाते थे तो उन्हें अलग- अलग तरीके से डराया- धमकाया जाता था। लोन देने वाले चीनी ऐप्स शख्स को बदनाम करने, उनकी निजी जानकारियां इस्तेमाल कर मोब्ड तस्वीरें लीक करने की धमकी देते थे। यहां तक कि आंध्रप्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में सुसाइड के मामले भी सामने आए।
इन राज्यों ने गृह मंत्रालय से की शिकायत, तब हुआ एक्शन
चीनी ऐप्स पर सरकार का फैसला देश भर से आने वाली शिकायतों के बाद आया है। रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को इन ऐप्स की शिकायत की थी।
सरकार ने पाया कि 94 चीनी ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए अलग वेबसाइट और लिंक्स का इस्तेमाल होता था, क्योंकि सट्टेबाजी और जुए में संलिप्त ऐप स्मार्टफोन में आसानी से डाउनलोड नहीं होते थे। आखिरकार सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर इन ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया। हालांकि ये कौन से चीनी ऐप्स थे, इनके नाम को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
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