UIDAI ने Aadhaar में जोड़ा एक और सेफ्टी फीचर, फर्जीवाड़े पर लगाम कसने की तैयारी
UIDAI ने एक बयान में कहा है कि फिंगरप्रिंट-आधारित आधार ऑथेंटिकेशन के लिए नए सुरक्षा तंत्र की शुरुआत की जा रही है। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। नया टू-फैक्टर/लेयर ऑथेंटिकेशन आने से आधार की सेवाएं सुरक्षित हो जाएंगी।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने Aadhaar के फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एक नया सुरक्षा तंत्र विकसित किया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) आधारित नया सुरक्षा तंत्र अब कैप्चर किए गए फिंगरप्रिंट की वैधता की जांच करने के लिए 'फिंगर मिन्यूशिया' और 'फिंगर इमेज' जैसे टूल का एक साथ उपयोग कर रहा है।
क्या है नए टूल की खासियत
UIDAI ने एक बयान में कहा है कि फिंगरप्रिंट-आधारित आधार ऑथेंटिकेशन के लिए नए सुरक्षा तंत्र की शुरुआत की जा रही है। यूआईडीएआई ने कहा कि ये आधार प्रमाणीकरण लेन-देन को और भी मजबूत और सुरक्षित बना रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि नया टू-फैक्टर/लेयर ऑथेंटिकेशन फिंगरप्रिंट की वास्तविकता (लाइवनेस) को प्रमाणित करने के लिए ऐड-ऑन फीचर जोड़ रहा है, ताकि धोखाधड़ी की आशंका को और कम किया जा सके।
पहले से अधिक सुरक्षित हुआ लेन-देन
नया टूल बैंकिंग, वित्त, दूरसंचार और अन्य सरकारी क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी होगा। यह आधार बेस्ड भुगतान प्रणाली को मजबूत करेगा और बेईमान लोगों के क्रिया-कलापों पर अंकुश लगाएगा। UIDAI ने कहा है कि इसका लाभ 'जनसंख्या पिरामिड के निचले हिस्से' तक पहुंचेगा। विज्ञप्ति में कहा गया कि आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन अब पूरी तरह वर्किंग है।
प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (AUAs) के साथ UIDAI की भागीदारी से इस सिस्टम के बेहतर तरीके से काम करने की उम्मीद है। एयूए, ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके आधार धारकों को आधार बेस्ड सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई है। सब-एयूए ऐसी एजेंसियां हैं, जो अनुरोधकर्ता संस्था के माध्यम से सेवाएं देने के लिए आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करती हैं।
लगातार बढ़ रहा आधार का इस्तेमाल
देश में आधार पर आधारित प्रमाणीकरण को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, क्योंकि यह कई कल्याणकारी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में मददगार साबित हुआ है। दिसंबर 2022 के अंत तक, आधार प्रमाणीकरण लेन-देन की एक संख्या 880 करोड़ को पार कर गई थी और प्रतिदिन औसतन 7 करोड़ लेन-देन हो रहे थे। उनमें से अधिकांश फिंगरप्रिंट-आधारित ऑथेंटिकेशन हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)