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सावधान! यूजर्स और कंपनियों के लिए एडवांस हो रहे सिक्योरिटी खतरे, कहीं आप भी न आ जाएं चपेट में

समय के साथ-साथ साइबर हमले बढ़ते जा रहे हैं और आने वाले समय में ये खतरे और एडवांस होते जाएंगे। जहां अटैक्स अब साइबर अटैक को लेकर किसी एक सेक्टर को लक्षित कर रहे हैं। वहीं फाइनलेस मैलवेयर का खतरा भी बढ़ रहा है।

By Ankita PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2022 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2022 01:09 PM (IST)
सावधान! यूजर्स और कंपनियों के लिए एडवांस हो रहे सिक्योरिटी खतरे, कहीं आप भी न आ जाएं चपेट में
These are the security threads for users and companies

नई दिल्ली, टेक डेस्क। 2022 भारत के लिए के अच्छा साल रहा है। हमने इस साल 5G में की शुरुआत की और डिजिटलीकरण की तरफ एक और कदम आगे बढ़े। लेकिन बढती इंटरनेट सेवाओं और उनमें हो रहे बदलाव सुविधाओं के साथ साथ बड़े खतरे भी लेकर आ रही है। हालांकि सरकार इनसे निपटने के लिए निरंतर कोशिश करती रहती है। नए आईटी नियमों के तहत सरकार सोशल मीडिया को अपने प्लेटफॉर्म पर उन प्रोफाइल्स को ब्लॉक करने को कहा है, जो सरकार के बनाए कुछ नियमों के विरुद्ध काम करते हैं।

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साइबर अटैक से प्रभावित है कंपनियां

भले ही भारत ने टेक्नोलॉजी में बहुत तरक्की की हो, लेकिन बढ़ते साइबर हमले इस बात का सबूत हैं कि इंटरनेट के साथ- साथ साइबर सिक्योरिटी थ्रेड, मैलवेयर, साइबर अटैक भी एडवांस होते जा रहे हैं। आज हम ऐसे ही कुछ एंडवास खतरों की बात करेंगे, जो यूजर्स के साथ-साथ कंपनियों की सुरक्षा और प्राइवेसी को प्रभावित कर सकती है।

एडवांस हो रही हैं मैलवेयर फाइल्स

समय के साथ-साथ मैलवेयर भी एडवांस होते जा रहे हैं। अब फाइललेस मैलवेयर भी आ गया है। इसे यूजर्स द्वारा डाउनलोड करने के लिए फाइल की जरूरत नहीं होती है। इतना ही नहीं इसे किसी भी एंटीवायरस टूल द्वारा नहीं पहचाना जाता है, जो यूजर्स के लिए एक गंभीर साइबर सुरक्षा खतरा का कारण है। हालांकि फाइललेस मैलवेयर बनाना कठिन काम है, लेकिन इसके बन जाने पर यह आपके सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

किसी एक सेक्टर को टार्गेट कर रहे हैं रैंसमवेयर

काफी समय तक रैंसमवेयर हमले ऐसे होते थे। इसमें ज्यादा लोगों को मालिशियस लिंक भेजा जाता था, ताकि लोग इसे क्लिक करके झासे में आ जाएं । लेकिन, अब हैकर्स टार्गेट बेस हमले कर रहे हैं। ये ऐसे मैलवेयर बना रहे है, जो हर किसी खास संस्थान या व्यक्ति को टार्गेट करे। हाल ही में AIIMS पर ऐसा एक हमला हुआ था, जिसने इसके ऑपरेशंस और पेसेंट डाटाबेस को लक्षित किया था।

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इन कंपनियों के लिए अधिक होगा खतरा

बीते कुछ समय से हैकर्स उन कंपनियों को ज्यादा निशाना बना रही है, जो रॉ मटेरियरल या सप्लाई चेन पर काम करते हैं, ताकि हमलावरों को अपनी मांग पूरी कराने में आसानी हो। इससे सप्लाई चेन बाधित हो सकती है और कॉर्पोरेट्स प्रभावित हो सकते हैं।

टेक कंपनियों के लिए सिरदर्द हो सकते हैं EU के नए नियम

यूरोपीय आयोग ने ऑनलाइन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एन्क्रिप्शन कानूनों को मजबूत करने का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में अगर ये कानून पारित हो जाता है, तो डिजिटल प्लेटफॉर्म को संदिग्ध कंटेंट के लिए भेजे गए हर मैसेज या फाइल को स्कैन करना होगा। जो यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को प्रभावित करते हैं।

क्लाउड स्टोरेज भी हो सकता है खतरनाक

वैसे तो क्लाउड स्टोरेज कंपनियों के लिए वरदान है, क्योंकि इससे डाटा को सुरक्षित रखना आसान हो जाता है। अगर उचित सुरक्षा गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है तो हैकर्स क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियों का फायदा उठा कर कंपनियों का डाटा हैक कर सकते हैं।

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