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Neuralink: क्या Musk अपने दिमाग में लगवाने जा रहे हैं ये चिप, जानें क्या है ये तकनीक, कैसे करेगी काम

बीते बुधवार Elon Musk ने अपने नए स्टार्टअप Neuralink के तहत एक ऐसे चिप को पेश किया है जो आपके दिमाग में लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि मस्क इस चिप को लगाने जा रहे हैं। आइये जानते हैं कि ये चिप कैसे मददगार होंगे।

By Ankita PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2022 02:51 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2022 02:52 PM (IST)
Neuralink: क्या Musk अपने दिमाग में लगवाने जा रहे हैं ये चिप, जानें क्या है ये तकनीक, कैसे करेगी काम
Elon musk may going to implant chip in his brain

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Elon Musk ने हाल ही में अपने नए स्टार्टअप Neuralink की शुरुआत की है। ये एक चिप है, जो आपके दिमाग में लगाया जा सकता है। इस चिप की मदद से हमारे दिमाग को सीधे कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है। ये मेडिकल सेक्टर में प्रगति के लिए नए रास्ते खोलेगा। ये जन्म से अंधे लोगों को देखने में मदद करेगा और जो लोग चलने या अपने हाथों का उपयोग करने में सक्षम नहीं है, उनकी भी मदद करेगा।

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Musk के दिमाग में लगेगा चिप?

खबर आ रही है कि मस्क इस चिप को अपने दिमाग में ये चिप लगावाने वाले हैं। एक ट्वीट पर जवाब देते हुए इस बात की पुष्टि की है। इस ट्वीट में Ashlee Vance ने लिखा कि Elon ने अभी-अभी ब्रेन इम्प्लांट कराने का संकल्प लिया है।जिसपर मस्क ने ‘Yup’ रिप्लाई दिया है।

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इस तकनीकी पर काम कर रही कंपनी

मस्क की नई कंपनी मानव मस्तिष्क की बाहरी सतह में बालों से पतले हजारों इलेक्ट्रोड ड्रॉप की तकनीक पर काम कर रही है। हर इलेक्ट्रोड बैटरी से चलने वाला, रिमोटली रिचार्जेबल, क्वार्टर-साइज के चिप पैकेज से जुड़ा एक छोटा तार होता है, जो उस जगह पर एम्बेडेड होता है, जहां Skull का सर्कल होता है। ये चिप, जिसे N1 कहा जा रहा है, बाहरी दुनिया के साथ वायरलेस तरीके से संचार करती है।

6 महीने में होगा ह्यूमन ट्रायल

Neuralink का क्लीनिकल ह्यूमन ट्रायल छह महीने में शुरू होने की उम्मीद है। इसका ट्रायल का पहला टार्गेट एप्लिकेशन विजन (देखने की क्षमता) को बहाल करना है। यानी कि कंपनी एक ऐसी ब्रेन चिप इंटरफेस विकसित कर रही है, जो दिव्यांगों या रोगियों को चलने, फिरने और बातचीत करने में सक्षम बनाती है।

बता दें कि न्यूरालिंक हाल के वर्षों में जानवरों पर परीक्षण कर रहा है, क्योंकि यह लोगों में क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने के लिए अमेरिकी रेगुलेटरी की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।

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