भारत में ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा ज्यादा, 48 फीसद लोग रिटेल फ्रॉड का शिकार
भारत में क्यों बढ़ रहा है ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा, जानिए यहां
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। पिछले एक वर्ष में भारत ने डिजिटल विकास किया है। लेकिन उसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड का जोखिम भी बढ़ गया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार- भारत में प्रति व्यक्ति के हिसाब से उपभोक्ताओं के पास अधिकतम शॉपिंग एप्स मौजूद हैं। इनमें से भारत में 48 फीसद उपभोक्ता रिटेल फ्रॉड का शिकार हुए हैं।
अन्य एशियाई देशों की तुलना में भारत में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं ज्यादा होती हैं। हालांकि यहां लोग ऐसे फ्रॉड की अनदेखी भी ज्यादा करते हैं। अगर कंपनी दोबारा फ्रॉड नहीं होने का भरोसा दिलाए, तो लोग अक्सर उसे मान लेते हैं। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उन चार प्रमुख देशों में से है, जहां भुगतान के लिए डिजिटल माध्यम को अपनाने की प्रक्रिया सर्वाधिक है। डिजिटल बैंकिंग अकाउंट साइन-अप और उनका इस्तेमाल भी इन देशों में ज्यादा हो रहा है। क्षेत्र के 10 देशों में बिजनेस सर्विस कंपनी एक्सपेरियन के सर्वेक्षण में डिजिटल फ्रॉड को लेकर कई बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल लेनदेन वाले चार प्रमुख देशों में से भारत में सर्वाधिक धोखाधड़ी की घटनाएं होती हैं।
इस रिपोर्ट में वित्तीय सेवाओं (बीमा क्षेत्र समेत), रिटेल और टेलीकॉम सेक्टर के फ्रॉड का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि ढेरों फ्रॉड होने के बावजूद भारतीय लोग इनके प्रति ज्यादा सख्त रवैया नहीं अपनाते। अगर संबंधित कंपनी या बैंक दोबारा फ्रॉड नहीं होने का भरोसा दिलाए तो कभी-कभार छोटे-छोटे नुकसान को यहां के लोग आसानी से स्वीकार भी कर लेते हैं। भारतीय रिटेल क्षेत्र में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आते हैं। इस क्षेत्र में कुल कारोबार के करीब पांच फीसद तक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
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