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इस ब्राउजर का कर रहे हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सतर्क, CERT-In ने जारी की सख्त वॉर्निंग

CERT-In ने Microsoft Edge में कई कमजोरियों के बारे में यूजर्स को चेतावनी दी है संस्था ने कहा कि यूजर्स को इस ब्राउजर को तुरंत अपडेट कर लेना चाहिए। खासकर उन यूजर्स को सतर्क होने की जरूरत है जिनका डिवाइस 125.0.2535.85 संस्करण पर चल रहा है। वॉर्निंग में कहा गया है हैकर्स इन कमियों की फायदा उठाकर यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी में सेंधमारी कर सकते हैं।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Mon, 10 Jun 2024 08:31 PM (IST)
इस ब्राउजर का कर रहे हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सतर्क, CERT-In ने जारी की सख्त वॉर्निंग
माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर यूजर्स हो जाएं सतर्क

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी ऐसे यूजर्स के लिए साझा की गई है, जो Microsoft Edge ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अगर आप इस ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको कुछ चीजों को अभी से बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही कुछ चीजों का खास ख्याल रखना है। CERT-In को संदेह है कि हैकर्स आपकी निजी जानकारियों को चुरा सकते हैं। सरकारी संस्था ने सेफ रहने के लिए कुछ टिप्स भी दिए हैं।

Edge ब्राउजर यूजर हो जाएं सतर्क

CERT-In ने Microsoft Edge (क्रोमियम-आधारित) में कई कमजोरियों के बारे में यूजर्स को चेतावनी दी है, संस्था ने कहा कि यूजर्स को इस ब्राउजर को तुरंत अपडेट कर लेना चाहिए। खासकर उन यूजर्स को सतर्क होने की जरूरत है जिनका डिवाइस 125.0.2535.85 संस्करण पर चल रहा है।

वॉर्निंग में कहा गया है हैकर्स इन कमियों की फायदा उठाकर यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी में सेंधमारी कर सकते हैं। एक गलत फाइल ओपन करना यूजर्स को भारी पड़ सकता है। हैकर्स इन खामियों का फायदा उठाकर पासवर्ड, बैंकिंग विवरण और कई पर्सनल जानकारी को चुरा सकते हैं। जिनसे यूजर्स के साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।

टार्गेटेड सिस्टम पर निशाना

साइबर एजेंसी के अनुसार Microsoft Edge में ये कमियां कीबोर्ड इनपुट में आउट ऑफ बाउंड्स मेमोरी एक्सेस, आउट ऑफ बाउंड्स राइट इन स्ट्रीम API, WebRTC में हीप बफर ओवरफ्लो, डॉन में फ्री के बाद उपयोग, मीडिया सेशन और प्रेजेंटेशन API के कारण मौजूद हैं। क्रोम और एंड्रॉइड में यह कमियां कई तरह के नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसी स्थिति में टार्गेटेड सिस्टम पर सर्विस (DoS) की स्थिति पैदा करने की अनुमति देती हैं।

सेफ रहने के लिए करें ये काम

संस्था ने कहा कि यूजर्स को अपने डिवाइस में तुरंत लेटेस्ट ओएस इंस्टॉल कर लेना चाहिए। जो कंपनी के द्वारा जारी किया जाने वाला ही होना चाहिए। इसके अलावा किसी भी लिंक पर क्लिक करना नुकसान पहुंचा सकता है। लैपटॉप में नए ऐप इंस्टॉल करते वक्त कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

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