गूगल कर रहा है यूजर का डाटा Track और Share, पढ़ें कैसे
भी नए फीचर्स के साथ Chrome 69 में एक नया फीचर भी दिया गया है, जिसके तहत आप अगर किसी भी गूगल सर्विस में लॉगइन करते हैं तो आप क्रोम ब्राउजर में ऑटोमैटिकली लॉगइन हो जाएंगे
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। गूगल ने हाल ही में Chrome 69 लॉन्च किया था। इसे बेहतर डिजाइन के साथ पेश किया गया था। इसके नए लुक में टैब्स के राउंड एज दिए गए हैं। यह पहले से काफी तेज हैं साथ ही ये याद दिलाते हैं कि वेबसाइट्स पर पासवर्ड को दोहराना नहीं चाहिए। सभी नए फीचर्स के साथ Chrome 69 में एक नया फीचर भी दिया गया है, जिसके तहत आप अगर किसी भी गूगल सर्विस में लॉगइन करते हैं तो आप क्रोम ब्राउजर में ऑटोमैटिकली लॉगइन हो जाएंगे। यह यूजर्स की सिक्योरिटी के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
सीधे शब्दों में समझा जाए तो अगर यूजर्स Chrome 69 के जरिए अपने जीमेल में लॉगइन करते हैं तो वो ऑटोमेटिकिली ही क्रोम ब्राउजर में लॉगइन हो जाएंगे। इसका मतलब गूगल आपके अकाउंट से जुड़ी आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री देख पाएगा। यह गूगल के लिए काफी लाभदायक साबित होगा क्योंकि इससे गूगल अपने यूजर को बेहतर विज्ञापन प्रोफाइल उपलब्ध करा पाएगा। उदाहरण के तौर पर: अगर यूजर्स टीवी के बारे में सर्च कर रहे हैं तो गूगल उन्हें टीवी के विज्ञापन ही दिखाएगा।
यह मामला सबसे पहले जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के क्रिप्टोग्राफर और प्रोफेसर मैथ्यू ग्रीन ने उजागर किया। उन्होंने एक ब्लॉगपोस्ट में बताया कि अब से जब भी आप गूगल की किसी भी सर्विस में लॉगइन करेंगे तो आप क्रोम ऑटोमैटिकली आपको अपने ब्राउजर में लॉगइन कर देगा। यह प्रोसेस यूजर से बिना पूछे या नोटिफाइ किए किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि Chrome 69 आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री को गूगल सर्वर से सिंक कर रहा है। लेकिन गूगल यूजर को ऑटोमैटिक लॉगइन क्यों कर रहा है इस पर कोई टिप्प्णी नहीं की गई है।
क्रोम ब्राउजर को दो तरह से एक्सेस किया जा सकता है। पहला साइन-इन मोड और दूसरा बेसिक मोड। अगर यूजर ब्राउजर को साइन-इन मोड में इस्तेमाल कर रहा है तो गूगल आपका डाटा जैसे ब्राउजिंग हिस्ट्री, एक्टिव टैब्स, पासवर्ड और क्लाउड सेटिंग्स की जानकारी को एक्सेस कर पाएगा। वहीं, बेसिक मोड साइन-इन मोड का बिल्कुल उल्टा है। यह मोड यूजर को गूगल सर्विसेज जैसे जीमेल, ब्राउजर या गूगल मैप को बिना अपने अकाउंट में साइन इन किए इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान करता है। इससे गूगल सर्वर आपके किसी भी निजी डाटा को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। हालांकि, इसमें अब बदलाव हो चुका है। Chrome 69 में किसी भी गूगल वेबसाइट को एक्सेस करने पर यूजर का डाटा गूगल ट्रैक और शेयर कर सकता है।
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