नई दिल्ली, टेक डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिक्ष विभाग के लिए बजट पेश करते हुए इस बार इसमें कटौती की है। हालांकि इस साल बजट में सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पिछली बार के मुक़ाबले  की गई आवंटित राशि से 2,000 करोड़ रुपये ज्यादा राशि दी है। 

लेकिन सरकार ने अंतरिक्ष विभाग को 12,544 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। ताकि अगले साल भारत मानव अंतरिक्ष यान 'गगनयान' अंतरिक्ष में भेज सके। साथ ही चंद्रमा और नजदीकी ग्रहों पर अपने अंतरिक्ष यान भेज सके।

हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले इस बार के बजट में इस आवंटन में आठ प्रतिशत की कटौती की गई है। बजट समीक्षा में यह कटौती 10,530.04 रुपये तक की गई है। इसमें भी सबसे बड़ा हिस्सा करीब 11,669.41 करोड़ रुपये की रकम केंद्रीय स्कीमों को जा रही है जैसे-मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र और अंतरिक्ष यान लांच करने के लिए विभिन्न संस्थानों के विभागों से सौदा शामिल हैं।

इसमें सैटेलाइट परियोजनाओं का भी खर्च शामिल है। इंडियन नेशनल स्पेस प्रोमोशन एंड अथाराइजेशन सेंटर (आइएन-स्पेस) के तहत निजी क्षेत्र के साथ सरकार ¨सगल ¨वडो बाडी के तहत काम करेगी। इसके लिए 21 करोड़ के बजाय 95 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इनस्पैक-ई के लिए 53 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैब में भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इसके लिए उसे इस बार 408.69 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

इसरो इसी साल जुलाई में लांच वेहिकल मार्क-3 का इस्तेमाल करके चंद्रयान-3 को लांच करने जा रहा है। पहले इसरो दिसंबर, 2021 में भारत के पहले मानव यान गगनयान को लांच करने वाला था। लेकिन अब इस अभियान को वर्ष 2024 तक के लिए टाल दिया गया है। इसरो की सूर्य, मंगल और बुध पर भी वैज्ञानिक मिशन भेजने की योजना है। 

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Edited By: Kritarth Sardana