MAC में अपना चिप लगाने की तैयारी कर रहा है एप्पल, 2020 तक इंटेल को कर देगा रिप्लेस
2020 तक मैक कंम्प्यूटर में अपना चिप इस्तेमाल करने की एप्पल कर रहा है तैयारी। ऐसे में इंटेल को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। Apple Inc.2020 की शुरुआत तक मैक कम्प्यूटर में इंटेल की जगह अपना चिप इस्तेमाल करने लगेगा। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल एक ऐसी परियोजना पर काम कर रहा है, जिसके बाद 2020 तक मैक कम्प्यूटर्स में कंपनी इंटेल की जगह खुद की चिप लगाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल के इस महत्वकांक्षी परियोजना का नाम ‘कलामानटा’ होगा।
मैक में चिप बनाने को लेकर एप्पल की परियोजना अभी शुरुआती दौर में है। हालांकि खबरों की मानें तो, एप्पल न सिर्फ अपने मैक कंम्प्यूट और लैपटॉप में बल्कि, अपने आईफोन और आईपैड में भी खुद की चिप लगाने को लेकर काम कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल की परियोजना कई चरणों में तय की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एप्पल के इस कदम से इंटेल को बड़ा नुकसान हो सकता है। इंटेल एप्पल के बड़े ग्राहकों में से एक है। आपको बता दें कि एप्पल के मैक कम्प्यूटर में इंटेल का चिप इस्तेमाल होता है। एप्पल के मैक की सफलता के बाद इंटेल को बाजार में काफी फायदा हुआ है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल हर साल अपनी कमाई का 5 फीसदी इंटेल को देता है। इंटेल के शेयर में पिछले दो सालों में 9.2 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई थी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर एप्पल अपना चिप बनाने लगेगा तो इंटेल को कितने बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि जानकारों का एक पक्ष इस बात को मानने से इंकार कर रहा है कि अगर एप्पल अपना चिप बनाता है तो, इससे इंटेल को बड़ा नुकसान होगा
एप्पल मौजूदा समय में अपने पीसी में इंटेल की चिप का इस्तेमाल करता है। ऐसे में अगर रिपोर्ट्स का दावा सही निकला तो इंटेल को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। वहीं इस रिपोर्ट पर अब तक एप्पल की ओर से कोई भीई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
वहीं अलग चिप की रिपोर्ट पर इंटेल कहना है कि,‘हम अपने ग्राहक से संबंधित किसी भी अफवाह या अनुमान पर टिप्पणी नहीं करते हैं”।
ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की जानकारी अब मुफ्त में देगा गूगल, इस तरह करें अप्लाई
इससे पहले गूगल ने Learn with Google AI कोर्स लॉन्च किया है। इस कोर्स के पीछे गूगल का मकसद है कि ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के बारे में सभी लोगों के पास जानकारी हो। इसके लिए गूगल ने “Learn with Google AI” वेबसाइट शुरू की है, ताकि लोगों को समझ में आ सके कि एआई तकनीक कैसे काम करती है। गूगल ने इसके लिए मशीन लर्निंग क्रैश कोर्स (एमएलसीसी) शुरू किया है। इस कोर्स को विशेषज्ञों ने तैयार किया है। गूगल का ये कोर्स निशुल्क है।
गूगल के एक अधिकारी के मुताबिक ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक लोगों के अलग-अलग नजरिये और जरूरतों को दर्शाता है। गूगल के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि गूगल सभी को मुफ्त में शिक्षा दे रहा है। ये कोर्स उन सभी लोगों के लिए है, जो मशीन लर्निंग के बारे में जानना चाहते है। इस कोर्स की अवधि 15 घंटे की है। इस कोर्स में गूगल के रिसर्चर लेक्चर देंगे। एमएलसीसी कोर्स को गूगल की इंजीनियरिंग एजुकेशन टीम ने तैयार किया है।
कैसे करें अप्लाई?
गूगल मशीन लर्निंग कोर्स के लिए आपको इस लिंक पर जाना होगा। developers.google.com/machine-learning/crash-course/। यहां आपको दो विकल्प दिखाई देंगे, पहला- START CRASH COURSE VIEW और दूसरा PREREQUISITE। Prerequisite ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आप जान सकेंगे कि इस कोर्स के लिए क्या शर्तें दी गई हैं। गूगल के मुताबिक इस कोर्स के लिए आपको एलजेब्रा की शुरुआती जानकारी होनी चाहिए। आवेदक को वैरियेबल और कोफिशियंट, लीनियर इक्वेशन, ग्राफ्स ऑफ फक्शन और हिस्टोग्राम की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा भी कई और शर्तें दी गई है।
गूगल ने अपने कर्मचारियों के लिए शुरू किया था कोर्स
मशीन लर्निंग को लेकर गूगल ने ये कोर्स अपने कर्मचारियों के लिए शुरू किया था। अब तक 18,000 से ज्यादा कर्मचारी एमएलसीसी कोर्स के लिए एनरोल्ड हो चुके हैं। गूगल के मुताबिक कोर्स की कामयाबी को देखते हुए इसे दूसरे लोगों के लिए भी शुरू कर दिया गया है।
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