मोबाइल नंबर पोर्ट कराते समय इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो झेलना पड़ सकता है रिजेक्शन
Mobile Number Portability मोबाइल नंबर पोर्ट कराने से पहले आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। यदि इन बातों को पूरा नहीं करते हैं तो आपका MNP रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो सकता है। आइए जानते हैं डिटेल। (फाइल फोटो जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। नेटवर्क की समस्या एक आम समस्या है। ये दिक्क्त तब बड़ी हो जाती है, जब आप कहीं फसे हुए हों और आपके फोन से कॉल न जाए या OTP रिसीव न हो। ऐसे में एक ही बात ध्यान में आती है, वो है किसी और नेटवर्क को चुनना। नेटवर्क से जुड़ी ऐसी कई प्रॉब्लम हैं, जिनके कारण लोग मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के बारे में सोचते हैं।
क्या आपको पता है कि मोबाइल नंबर पोर्ट करवाना कितना आसान है। आज हम आपको नंबर पोर्ट करवाने से जुड़ी जानकारी शेयर करने वाले हैं। आइए जानते हैं कि नंबर पोर्ट कैसे करते हैं, इसका प्रोसेस क्या है और ये क्यों रिजेक्ट हो जाता है।
MNP या मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी क्या है?
एमएनपी या मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी, यूजर को अपने मौजूदा फोन नंबरों को बदले बिना दूरसंचार ऑपरेटरों को बदलने की अनुमति देता है। ध्यान दें, एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर के नेटवर्क स्विच का नेटवर्क विश्वसनीयता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके बजाय, इसमें यूजर को बेहतर नेटवर्क कवरेज, बेहतर टैरिफ पैकेज, प्रमोशनल पैकेज जैसे कई लाभ मिलते हैं।
MNP के फायदे:
- नए ग्राहकों को आकर्षक टेलिकॉम सर्विस की पेशकश की जाती है
- यूजर बिना किसी लागत के ऑपरेटरों को बदल सकते हैं
- ऑपरेटर बदलने पर मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं है
- सब्सक्राइबर्स को जरूरत के मुताबिक नया सिम कार्ड प्राप्त होगा
- सब्सक्राइबर को प्रीपेड से पोस्टपेड सर्विस में स्विच करने की पूरी स्वतंत्रता है
- मौजूदा सर्विस प्रोवाइडर बेहतर सर्विस और ऑफर देने की कोशिश कर सकते हैं
नंबर पोर्ट कराने के लिए इन स्टेप को करें फॉलो
- नंबर पोर्ट कराने के लिए PORT लिखकर स्पेस दें और फिर उस नंबर को टाइप करें, जिसे आपको पोर्ट करवाना है। जैसे PORT <9000000000> मैसेज लिखकर आपको 1900 पर भेजना है।
- सक्सेजफुल SMS भेजने के बाद, आपको अपने वर्तमान मोबाइल ऑपरेटर से 8 अंकों का UPC (यूनिक पोर्टिंग नंबर) प्राप्त होगा। यूपीसी 4 दिनों के भीतर समाप्त हो जाता है, जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्व और असम के क्षेत्रों को छोड़कर जहां यह 30 दिनों के लिए वैध रहता है। आवेदन चार दिनों के भीतर नए ऑपरेटर को जमा किया जाना चाहिए।
- अपने नए सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ें या उनके ऑफिस/स्टोर पर जाएं। आपको अपने साथ आधार कार्ड या किसी आइडेंटिटी प्रूफ के साथ रिसीव हुए 8-अंकीय UPC नंबर देना होगा।
- नया ऑपरेटर पुराने ऑपरेटर को यह देखने के लिए एक आवेदन भेजेगा कि आपके नंबर के साथ कोई बकाया राशि या समस्या तो नहीं है। एक बार वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद, पुराना ऑपरेटर नए ऑपरेटर को एमएनपी आवेदन की अस्वीकृति/अनुमोदन स्टेटस के बारे में सूचित करेगा।
- 7 दिनों के भीतर, नया ऑपरेटर आपको आपके एमएनपी आवेदन की स्थिति के बारे में सूचित करेगा।
- एमएनपी आवेदन की स्वीकृति से नया ऑपरेटर आपको एसएमएस के माध्यम से एमएनपी के लिए समय और तारीख बताएगा।
- एमएनपी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद, आपको एक वेरिफिकेशन संदेश प्राप्त होगा।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवश्यक दस्तावेज
- एड्रेस प्रूफ कॉपी
- यूपीसी विवरण के साथ कस्टमर अग्रीमेंट फॉर्म
- आईडी प्रूफ
- वर्तमान सर्विस प्रोवाइडर की अंतिम भुगतान बिल प्रति (पोस्टपेड ग्राहकों के लिए)
इन कंडीशन में MNP आवेदन हो सकता है रिजेक्ट
- यदि सब्सक्राइबर ने अभी तक मोबाइल बिल का भुगतान नहीं किया है
- यदि ग्राहक ने पिछले ऑपरेटर के साथ 90 दिनों से सर्विस का इस्तेमाल नहीं किया है
- यदि मोबाइल नंबर न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में है
- यदि सब्सक्राइबर के क्षेत्र या शहर में टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा सेवा नहीं दी जाती है
- यदि यूपीसी मेल नहीं खाता है
- यदि मोबाइल नंबर किसी संस्थान से जुड़ा हो