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क्या फोन में मौजूद ऐप हैं फेक? ऐसे कर सकते हैं पहचान, जानिए ये 5 सिंपल टिप्स और ट्रिक्स

Fake App Fact Check क्या आपके फोन में फर्जी ऐप्स मौजूद हैं। आखिर कैसे पता लगाया जाए कि फोन के ऐप्स फर्जी नहीं है। अगर आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो हम आपके लिए कुछ सिंपल ट्रिप्स और ट्रिक्स लेकर आए हैं।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Sat, 26 Feb 2022 08:45 PM (IST)Updated: Sun, 27 Feb 2022 08:37 AM (IST)
Photo Credit - Fake App Check Photo

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Fake App Fact Check: मोबाइल से फ्रॉड की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इसकी एक वजह फेस ऐप्स हैं। वही इन फेक ऐप्स को पहचानना बेहद मुश्किल होता है। इसमें से कई सारे ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर भी मौजूद होते हैं। ऐसे में आखिर कैसे फर्जी ऐप्स की पहचान की जाएं? लेकिन अगर कुछ खास बातों का खास ख्याल रखा जाए, तो फेक ऐप्स की आसानी से पहचान की जा सकती है।

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ऐप डाउनलोड करने से पहले करें रिसर्च

Google Play Store पर ऐप को सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इसकी कोई फुल गारंटी नहीं है। उदाहरण के लिए चेक प्वाइंट रिसर्च के लोगों ने हाल ही में Play Store पर फ्लिक्स आनलाइन नामक एक नकली एप में मालवेयर की खोज की, जो निजी डाटा चोरी करने और WhatsApp मैसेज के माध्यम से खुद को फैलाने में सक्षम है। इसे देखते हुए आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए कि कौन-सा एप इंस्टाल करना है और किसे नहीं। नकली एप्स में मालवेयर होते हैं और बैकग्राउंड में कांटैक्ट और लोकेशन जैसे पर्सनल डाटा की चोरी करते हैं।

एप और डेवलपर का नाम जांचें

अगर आपको यह पता लगाने में समस्या हो रही है कि कौन-सा असली है, तो डेवलपर के नाम पर टैप करें। यह आपको यूजर्स रेटिंग के साथ डेवलपर की ओर से प्रकाशित सभी एप दिखाएगा। डिस्क्रिप्शन एंड स्क्रीनशाट प्ले स्टोर लिस्टिंग की जांच के बाद अगली चीज डेवलपर की ओर से अपलोड किए गए एप डिस्क्रिप्शन और स्क्रीनशाट होते हैं। अगर आपको बहुत सारी गलतियों या फिर अजीब से दिखने वाले स्क्रीनशाट के साथ नॉन-प्रोफेशनल रूप से लिखे डिस्क्रिप्शन जैसी कई सारी विसंगतियां मिलती हैं, तो समझ लीजिए कि आप शायद एक नकली एप देख रहे हैं।

चेक करें डाउनलोड, रिव्यूज और रिलीज डेट

अगर कोई एप काफी लोकप्रिय है, तो डाउनलोड की संख्या भी ज्यादा होगी। उदाहरण के लिए WhatsApp मैसेंजर के प्ले स्टोर पर 5 बिलियन से ज्यादा एप्स इंस्टाल हैं। नकली एप के लिए यह संख्या बहुत कम होगी, शायद सैकड़ों या हजारों में। आपको यूजर की ओर से दी गई रिव्यू की भी जांच करनी चाहिए। नकली एप्स आमतौर पर प्ले स्टोर पर लंबे समय तक नहीं टिकते हैं। इसलिए उनके पास हाल ही में रिलीज की तारीख होनी चाहिए।

वेब पर सर्च करें

फेसबुक, वाट्सएप, ट्रूकालर जैसे लोकप्रिय एप के लिए आफिशियल वेबसाइट मौजूद होती हैं। इसलिए अगर आप सही एप नहीं ढूंढ पा रहे हैं या फिर असली और नकली की पहचान नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और डाउनलोड लिंक देखें। इसके बावजूद सुनिश्चित करें कि आप नकली या अज्ञात स्त्रोत से एप डाउनलोड न करें।

मोबाइल सिक्योरिटी एप्स का करें इस्तेमाल

आमतौर पर गूगल प्ले स्टोर प्रोटेक्ट आपको एप के साथ संभावित सुरक्षा समस्याओं के बारे में आटोमैटिकली चेतावनी देगा। फिर भी आप मालवेयरबाइट्स, बिटडिफेंडर, क्विकहील आदि जैसे मोबाइल सिक्योरिटी एप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से आप इसे VirusTotal वेबसाइट पर आनलाइन स्कैन भी कर सकते हैं। एक बार जब आप फाइल अपलोड कर देते हैं, तो वायरसटोटल इसे विभिन्न डाटाबेस में स्कैन करेगा और जांच करेगा कि यह सुरक्षित है या नहीं।


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