जीमेल के ‘Smart Compose’ फीचर से अब सेकेंड्स में लिख सकेंगे ई-मेल, जानें नए फीचर्स
‘स्मार्ट कम्पोज’ की मदद से जब आप ई-मेल लिखेंगे तब आपको वर्ड सजेशन दिखने लगेगा।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। गूगल ने कैलीफोर्निया के माउंट व्यू में आयोजित अपने वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन में कई इनोवेशन्स पर से पर्दा हटाया है। इन्हीं में जीमेल का ‘स्मार्ट कम्पोज’ फीचर शामिल है। दरअसल साल 2013 के बाद जीमेल में बड़ा बदलाव किया गया है। इससे पहले 2013 में जीमेल में बदलाव किया गया था, जिसे पूरी तरह से लागू करने में 2 साल लग गए थे। जीमेल को लेकर आई एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर साल की पहली तिमाही में करीब 48,700 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। गूगल की तरफ से बताया गया है कि जीमेल में बदलाव को लेकर ईमेल स्टोरेज डाटाबेस को रीस्ट्रक्चर्ड किया गया है।
गूगल ने डेवलपर्स सम्मेलन में जीमेल के नए फीचर ‘स्मार्ट कम्पोज’ से पर्दा उठाया। ‘स्मार्ट कम्पोज’ की मदद से जब आप ई-मेल लिखेंगे तब आपको वर्ड सजेशन दिखने लगेगा। आसान भाषा में समझाएं तो जैसे आप अपने मोबाइल के की-बोर्ड में टाइप करते हैं तो आपको शब्दों को लेकर सजेशन दिखने लगता है। वैसे ही अब नए जीमेल में आप जब कुछ भी लिखना शुरू करेंगे जीमेल आपको संभावित शब्दों के बारे में बताना शुरू कर देगा।
गूगल अपने नए जीमेल को लेकर टेस्टिंग कर रहा है। रिपोर्ट्स की माने तो नए जीमेल में अभी सिर्फ अग्रेजी भाषा में सजेशन मिल रहा है। हालांकि रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि जल्द कंपनी और भी भाषाओं का सजेशन दिखाने लगेगी। नए जीमेल में ‘स्मार्ट कम्पोज’ फीचर की मदद से ई-मेल लिखना पहले के मुकाबले ज्यादा आसान हो जाएगा। साथ ही मेल लिखने में पहले के मुकाबले कम समय लगेगा।
गूगल ने अपने वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन में कई और भी इनोवेशन्स को पेश किया इनमें गूगल डुप्लेक्स फीचर और ‘लुक आउट’ एप शामिल हैं।
गूगल डुप्लेक्स बुक करेगा आपकी सीट
‘गूगल डुप्लेक्स’ भविष्य के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक झलक देता है। कंपनी की तरफ से वार्षिक सम्मेलन मं दो ऑडियो कॉल सुनाए गए। इन दोनों ही ऑडियो में गूगल के नए वॉयस सर्विस से बात की गई थी, जिससे इस फीचर की क्षमता के बारे में पता चल रहा था। इस दौरान इन बातों पर भी गौर किया गया की यह फीचर और सुधार करके भविष्य में लोगों की जगह ले सकता है।
सम्मेलन में एक डेमो भी दिया गया जहां ‘गूगल डुप्लेक्स’ को एक महिला की आवाज दी गई। ‘गूगल डुप्लेक्स’ से सैलून में आने के लिए समय मांगा गया। मौजूद लोगों के मुताबिक इस बातचीत को सुन कर ऐसा लग रहा जैसे कोई दो इंसान आपस में बात कर रहे हों। बातचीत के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने सैलून में आने के लिए यूजर को टाइम भी दे दिया। इस पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आई।
दृष्टिहीन लोगों की मदद करेगा ‘लुक आउट’ एप
गूगल का ‘लुकआउट’ एप किसी इंसान की तरह दृष्टिहीन व्यक्ति की तरह मदद करेगा। आसान भाषा में समझाएं तो अगर कोई द्रष्टिहीन व्यक्ति मेट्रो स्टेशन पर खड़ा हो, तो एप फोन के कैमरे की मदद से अगल-बगल की सारी चीजों को देखकर ईयरफोन के जरिए आपकी भाषा में जानकारी देगा। एप ट्रेन, लोगों, टाइम और दीवार पर लगे बैनर्स तक के बारे में जानकारी देगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक एप सामने से गुजरने वाले व्यक्ति से लेकर किसी बैनर पर लिखे शब्दों की भी जानकारी देगा। रिपोर्ट्स की माने तो एप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा।
एप 4 मोड में करेगा काम
रिपोर्ट्स के मुताबिक एप 4 मोड में काम करेगा। इनमें वर्क, होम, प्ले और एक्सपेरीमेंटल शामिल है। व्यक्ति अपनी सुविधा के मुताबिक मोड को चुन सकेंगे।
इस तरह करेगा काम
एप को इस्तेमाल करने के लिए एक खास एंड्रॉयड डिवाइस दिया जाएगा जो पॉकेट में लगा होगा। एक के साथ एक बॉडी कैम मिलेगा जिसे कॉलर या शर्ट पर लगाया जा सकेगा साथ ही ईयरफोन मिलेगा।
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