Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर न करें ये गलतियां, जान लें इस दिन से जुड़े ये नियम
शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) का दिन बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है हालांकि वे कर्मों के आधार पर फल देते हैं। ऐसा माना जाता है कि जहां भी शनिदेव की सीधी दृष्टि पड़ जाती है वहां उथल-पुथल मच जाती है। इस बार शनि जयंती 8 मई को मनाई जाएगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2024: सनातन धर्म में शनि जयंती को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन भगवान शनि की पूजा के लिए समर्पित है। शनिदेव कर्म और न्याय के देवता हैं। शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार शनि जयंती वैशाख माह 8 मई, 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। यह साल में दो बार मनाई जाती है, तो आइए इस दिन से जुड़े कुछ नियमों के बारे में जानते हैं -
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शनि जयंती पर क्या करना चाहिए ?
- गंगा नदी में पवित्र स्नान करें।
- शनिदेव के लिए व्रत रखें और उनका आशीर्वाद लें।
- शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का कम से कम 7 या 11 बार पाठ करें।
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं।
- दान-पुण्य जरूर करें।
- गरीबों की मदद अवश्य करें।
- इस दिन काले तिल और काली उड़द का दान करें।
- इस दिन छाया का दान भी किया जाता है।
- इसके अलावा इस शुभ दिन पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और सात्विक भोजन करना चाहिए।
- कर्म करते रहना चाहिए।
शनि जयंती पर क्या नहीं करना चाहिए?
- किसी का अपमान न करें और उसे दुखी न करें।
- अपने कर्मचारियों तथा घरेलू सहायकों के साथ बुरा व्यवहार न करें।
- तामसिक भोजन जैसे- मांस खाने और शराब पीने से बचना चाहिए।
- अभद्र भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए।
- किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।
शनिदेव का गायत्री मंत्र
- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
शनिदेव का महामंत्र
- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
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