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रघुनाथ जी को कुल्लू से बाहर नहीं ले जा पाए चोर

अधिष्ठाता रघुनाथ जी को चोर कुल्लू जिले की सीमा से बाहर नहीं ले जा पाए। रघुनाथ जी की त्रेता युगकालीन एक मात्र उपलब्ध मूर्ति बजौरा में जिस जगह बरामद हुई वहां से मंडी जिले की सीमा महज 50 मीटर दूर है। रघुनाथ जी को चुराने की घटना नौ दिसंबर 2014

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 11:50 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jan 2015 11:57 AM (IST)
रघुनाथ जी को कुल्लू से बाहर नहीं ले जा पाए चोर

कुल्लू, [शम्भू प्रकाश शर्मा]। अधिष्ठाता रघुनाथ जी को चोर कुल्लू जिले की सीमा से बाहर नहीं ले जा पाए। रघुनाथ जी की त्रेता युगकालीन एक मात्र उपलब्ध मूर्ति बजौरा में जिस जगह बरामद हुई वहां से मंडी जिले की सीमा महज 50 मीटर दूर है। रघुनाथ जी को चुराने की घटना नौ दिसंबर 2014 की रात को घटी। पूरे डेढ़ माह तक रघुनाथ जी की तलाश जारी रही। कुल्लू में इस अवधि को रघुनाथ जी के वनवास के रूप में देखा गया। बसंतोत्सव जो मां सरस्वती का जन्मदिवस माना गया है की पूर्व संध्या पर रघुनाथ जी के लौटते ही कुल्लू में खुशी भी लौटी।

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ज्ञात हो कि कुल्लू में सारे देव कारज, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्य रघुनाथ जी की आज्ञानुसार चलते हैं। वारदात के बाद से कई देव कार्य रुके पड़े थे। शातिरों ने रघुनाथ जी की मूर्ति समेत अन्य मूर्तियों और सामान को उड़ाने के बाद इसे जिले से बाहर ले जाने की कोशिश की। वारदात के तीन दिन बाद ही भारी बर्फबारी व बारिश ने भी चोरों के रास्ते रोक दिए।

टनकपुर में बैठे वारदात के मास्टरमाइंड नर बहादुर जैसे की निशानदेही पर पुलिस को शुक्रवार शाम कामयाबी मिलती रही और कुल्लूवासियों की धड़कनें भी मूर्ति बरामदगी को लेकर तेज होती रही। डेढ़ माह के बाद अंतत: रघुनाथ जी की मूर्ति मिलने की खबर आ गई। मास्टरमाइंड नर बहादुर वारदात वाली रात भी सुल्तानपुर की गलियों समेत अन्य कुछ सीसीटीवी कैमरों में नजर आया है। पुलिस का कहना है कि मास्टरमाइंड को कुल्लू लाने पर ही वह स्वयं वारदात से जुड़े हर पहलू से पर्दा उठाएगा। शातिर तक पहुंचने में इंटरपोल व अन्य एजेंसियों की भी मदद मिली।

बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस कर्मियों ने भी मामले में जीतोड़ मेहनत करके इसके पटाक्षेप में सहयोग किया। डेढ़ माह तक प्रशासन पर लगातार लग रही लापरवाही की कालिख भी प्रशासन की मुस्तैदी से शुक्रवार को धुल गई। मूर्ति मिलते ही करोड़ों ङ्क्षहदुओं की आस्था का चिह्न भी वापस मिल गया।

कुल्लू के पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि मामले को गहराई से देखा जा रहा है। जांच पूरी होने पर पूरी वारदात से जुड़े पहलू सामने आएंगे।

राज परिवार के सदस्यों के चेहरे खिले

कुल्लू के राज परिवार के सदस्यों को वारदात के दिन से ही लगातार रोते हुए देखा जाता रहा है। जिलेभर से लोग रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह को सांत्वना देने आते रहे। शुक्रवार को राज परिवार के सभी सदस्यों के चेहरे भी खिल उठे। रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है जैसे उनके प्राण वापस आ गए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार, प्रशासन, पुलिस व अन्य सभी जांच एजेंसियां बधाई की पात्र हैं।

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