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पितृभूमि पर जुटेंगे श्रद्धालु

पौराणिक शहर गयाजी में बुधवार से पितरों के प्रति आस्था जताने का उत्सव पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है। मुख्य विष्णुपद वेदी सहित पांच कोस में फैले जीवंत 54 वेदियां पुत्रों द्वारा तर्पण और कर्मकांड की प्रतीक्षा में है। बुधवार से पुनपुन नदी में पहले तर्पण के बाद बृहस्पतिवार से गया जी के फल्गु नदी में स्नान और पिंडदान का

By Edited By: Published: Tue, 17 Sep 2013 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2013 08:51 PM (IST)

गया, जागरण संवाददाता। पौराणिक शहर गयाजी में बुधवार से पितरों के प्रति आस्था जताने का उत्सव पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है। मुख्य विष्णुपद वेदी सहित पांच कोस में फैले जीवंत 54 वेदियां पुत्रों द्वारा तर्पण और कर्मकांड की प्रतीक्षा में है। बुधवार से पुनपुन नदी में पहले तर्पण के बाद बृहस्पतिवार से गया जी के फल्गु नदी में स्नान और पिंडदान का कर्मकांड शुरू हो जाएगा।

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प्रतिवर्ष भाद्र शुक्ल पुर्णिमा से प्रारंभ हो रहे पितरों के इस उत्सव को लेकर पुत्रों का आना भी मंगलवार से प्रारंभ हो जाएगा। 17 दिवसीय श्राद्धकर्म के लिए तैयारियां दो दिन पहले होती है। जबकि मूल रूप से पितृपक्ष एक पक्ष यानी 15 दिनों का है। वैदिक मान्यता के अनुरूप श्रद्धापूर्वक इस कर्मकांड को पुत्र एक दिन से लेकर 15 दिन या 17 दिन में पूरा करते हैं। यह सब उनकी आस्था पर निर्भर करता है।

एक पखवाड़े तक चलने वाले इस मेले को लेकर तीर्थ पुरोहित यानी गयापाल पंडा समाज पूरी तरह तैयार है। वे अपने-अपने क्षेत्र के यजमानों को आवासन से लेकर कर्मकांड तक की व्यवस्था में जुटे हैं। विष्णुपद मंदिर क्षेत्र में चहल-पहल बढ़ गई है। भव्य पंडाल लगाया गया है। जहां 20 सितंबर से प्रवचन का कार्यक्रम निर्धारित है।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी फल्गु महाआरती का आयोजन पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन संध्याकाल में देवघाट पर किया गया है।

इस पूरे मेले में यात्रियों की सुविधा का ध्यान जिला प्रशासन और उनकी सहयोगी संस्था संवास सदन समिति द्वारा की जाती है। प्रशासनिक स्तर पर यात्रियों को बेहतर सुविधा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों की कई टीमें मेला क्षेत्र में लगाई गई है। लगभग प्रतिदिन संध्या बेला में पूरे दिन भर के कार्यो की समीक्षा का कार्य भी जिला पदाधिकारी बाला मुरुगन डी की अध्यक्षता में हो रही है।

पुलिस-प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। एसएसपी निशांत तिवारी के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती मुख्य विष्णुपद मंदिर, फल्गु घाट सहित सभी पिंडवेदियों पर किया जाना है। यात्रियों के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा हो? इसके बारे में एसएसपी श्री तिवारी द्वारा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। श्री तिवारी का मानना है कि पुलिस का व्यवहार यात्रियों के प्रति कितना कुशल हो कि वे गया से जाने के बाद गया को याद रखें।

विस अध्यक्ष करेंगे उद्घाटन

गया। पितृपक्ष मेला 2013 का उद्घाटन बुधवार को संध्या 4 बजे विष्णुपद प्रांगण में किया जाएगा। बिहार विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी मेले का उद्घाटन करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में जिले के प्रभारी मंत्री शाहिद अली खां उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर जिले के सभी सांसद, विधान पार्षद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष व महापौर की उपस्थिति भी रहेगी।

मेला क्षेत्र अंधेरे में

गया। मेला क्षेत्र के वार्ड पार्षद शशि कुमार शिशु ने बताया कि अशोक अतिथि निवास के पास का ट्रांसफार्मर जिलाधिकारी के निर्देश पर दो माह पूर्व बदल तो दिया गया लेकिन आपूर्ति लाइन नहीं जोड़ी गई है। जिसके कारण दक्षिण दरवाजा का पूरा एक भाग अंधेरे में रहता है। शुरू हो रहे पितृपक्ष मेला के दौरान इस क्षेत्र में यात्रियों का निवास व आवागमन होता है। श्री शिशु ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग को बार-बार कहने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

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